जयपुर। भ्रष्टों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अफसर भले ही कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन पिछले एक साल में एसीबी के सात मामलों में घूसखोर ट्रेप की कार्रवाई से बच गए हैं। सूचनाएं लीक होने से एसीबी के ट्रेप फेल होने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। हाल ही में जोधपुर पीपाड़ में कार्यरत पटवारी गोरधनराम व बूंदी के कोतवाली थाने में तैनात कांस्टेबल सूबे सिंह एसीबी के जाल में फंसने से पहले ही घूस लेने से इनकार कर दिया, हालांकि एसीबी ने दोनों के खिलाफ घूस मांगने का मामला दर्ज कर लिया है।
एसीबी की ट्रेप की कार्रवाई फेल होने से अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। इससे पहले भी सांभर डिप्टी एसपी के नाम से घूस मांगने वाले रीडर व सीकर एसडीएम के रीडर द्वारा स्टे हटाने की एवज में घूस मांगने के मामले में ट्रेप की कार्रवाई फेल हो गई थी।
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पटवारी ने मांगी थी 5500 रुपए की रिश्वत
पड़ताल में सामने आया कि जोधपुर पीपाड़ तहसील में कार्यरत गोरधनराम ने जोधपुर निवासी अनिल से उसके पिता के नाम से जमीन का म्यूटेशन खोलने की एवज में 5500 रुपए की घूस मांगने की शिकायत की थी। पीड़ित की शिकायत पर एसीबी ने सत्यापन तो कर लिया, लेकिन तबादला होने के बाद आरोपी ने परिवादी से घूस लेने से इनकार कर दिया, जबकि जमीन का म्यूटेशन खोल दिया था। अब एसीबी ने गोरधनराम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
कांस्टेबल ने मांगी 10 हजार रुपए की घूस
बूंदी कोतवाली थाने में दर्ज एक प्रकरण में कांस्टेबल सूबे सिंह परिवादी रामचंद्र श्रृंगी से मामले में गिरफ्तारी करने की धमकी देकर 25 हजार रुपए की घूस ले चुका था। इसके बाद नाम निकालने की एवज में 10 हजार रुपए की घूस और मांग रहा था। परिवादी की शिकायत का सत्यापन कर लिया। सत्यापन के बाद आरोपी सूबे सिंह ने मामले से नाम निकाल लिया, लेकिन इस दौरान ही उसका तबादला हो गया और उसने घूस लेने से इनकार कर दिया। ऐसे में आरोपी के खिलाफ सूचना लीक होने पर एसीबी ट्रेप की कार्रवाई नहीं कर पाई।
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