अल्बर्ट हॉल (Albert Hall) का नाम सुनते ही पूरे जयपुर का नजारा आंखों के सामने आ जाता है। अल्बर्ट हॉल जयपुर की एक पहचान बन चुका है। लेकिन अब इस पहचान को नया नाम मिलने वाला है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अल्बर्ट हॉल का नाम बदलने की सीएम गहलोत से सिफारिश की है।
कल अल्बर्ट हॉल में होगा कॉन्सर्ट
दरअसल कल यानी 16 दिसंबर को भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे हो रहे हैं, इस अवसर पर जयपुर के अल्बर्ट हॉल में एक बड़ा कार्यक्रम (कॉन्सर्ट) होगा। जिसमें राहुल गांधी, सीएम गहलोत, पीसीसी चीफ डोटासरा समेत सत्री मंत्री,विधायक और कई नेता-कार्यकर्ता शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में मशहूर सिंगर सुनिधि चौहान अपनी शानदार प्रस्तुति देंगी। जब सीएम अशोक गहलोत कार्यक्रम को लेकर जयराम रमेश से बात कर रहे थे। तो उन्होंने पूछा कि यह कार्यक्रम कहां होगा, इस पर सीएम ने कहा कि अल्बर्ट हॉल में। अल्बर्ट हॉल का नाम सुनते ही जयराम रमेश सोच में पड़ गए उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मैं चौंक गया कि कहां ये अल्बर्ट हॉल है। अंग्रेजों के जमाने का नाम हम 2022 में भी चल रहे हैं। उन्होंने सीएम से इसका नाम बदलकर कुछ और रखने की सलाह दी।
महारानी विक्टोरिया के पति के नाम पर म्यूजियम का नाम
जयराम रमेश ने कहा कि अल्बर्ट हॉल का नाम तो अंग्रेजों के जमाने में रानी विक्टोरिय़ा के पति के नाम पर रखा गया था। अब जब अंग्रेजी शासन नहीं है हम आजाद हो चुके हैं, तो ये अंग्रेजों का नाम क्यों चल रहा है। इसलिए उन्होंने इसके नाम को बदलने की सिफारिश की है। हालांकि अल्बर्ट हॉल का नाम बदलकर क्या रखा जाएगा इस पर अभी चर्चा नहीं की गई है। इसके साथ ही प्रेस कांफ्रेंस में जयराम रमेश ने कहा कि यह तो मजाक में की गई बात थी, जो कि मेरा व्यक्तिगत विचार है। क्योंकि मुझे मिलाकर ऐसे काफी लोग हैं जो अल्बर्ट के बारे में कम ही जानते होंगे। वो यह भी नहीं जानते होंगे कि जयपुर का अल्बर्ट हॉल किसके नाम पर पड़ा।
सीएम गहलोत और सचिन पायलट ने ली थी शपथ
आपको बता दें कि अल्बर्ट हॉल कई ऐतिहासिक पलों का गवाह रहा है। साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने पर अशोक गहलोत ने सीएम पद औऱ सचिन पायलट ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ अल्बर्ट हॉल में ली थी। अलबर्ट हॉल एक म्यूजियम है। जहां पर पूरी दुनिया के कई क्षेत्रों से लाई गई कलाकृतियां रखी हुई हैं। यहां पर 2344 साल पुरानी मिस्र की एक ममी भी रखी हुई है जो पूरे अल्बर्ट हॉल का मुख्य आकर्षण केंद्र है। अल्बर्ट हॉल 1886 में बनकर तैयार हुआ था, इसे बनाने में लगभग 10 साल का वक्त लगा था। उस वक्त जयपुर के महाराजा माधोसिंह द्वितीय थे। महारानी विक्टोरिया के पति सर अल्बर्ट एडवर्ड ब्रेडफोर्ड ने इसका उद्घाटन किया था। उस वक्त लोग इसे अजायबघर कहते थे। लेकिन बाद में इसका नाम अल्बर्ट एडवर्ड के नाम पर अल्बर्ट हॉल रख दिया।
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