जयपुर : नगर निगम ग्रेटर के सिविल लाइन जोन उपायुक्त कनक जैन के वकीलों पर विवादित बयान पर घमासान बढ़ते देख अब जोन उपायुक्त ने एक पत्र जारी करते हुए कल दिए हुए आदेश को बदल दिया। जोन उपायुक्त ने कहा कि कल यानी 4 नवंबर को जो सार्वजनिक सूचना जारी की गई थी। उसमें गलती से ‘वकील’ शब्द लिखा गया। हम कहना चाहते हैं कि हम वकील समुदाय का पूरा सम्मान करते हैं और हमारा वकीलों को नीचा दिखाना या अपमानित करने का कोई इरादा नहीं था। इसलिए इस सार्वजनिक सूचना में गलती पर खेद जताते हुए इस आदेश को तत्काल प्रभाव से बदला जाता है।
बता दें कि जोन उपायुक्त ने कल एक आदेश जोरी करते हुए वकीलों को कार्यालय में आने रोक लगाई थी। उपायुक्त ने बाहरी लोगों में दलाल, ब्रोकर, व अपराधियों में वकीलों को भी शामिल करते हुए कार्यालय परिसर में आने से रोक लगाई थी। इसको लेकर जोन कार्यालय के बाहर नोटिस भी चस्पा किया गया था। इसमें कहा गया था कि नोटिस चस्पा करने के बाद प्रतिबंधित व्यक्ति कार्यालय परिसर में आता है तो उस पर पुलिस करवाई की जाएगी। इसे लेकर कल उपमहापौर पुनीत कर्णावत ने विरोध जताया औऱ यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को पत्र लिखकर उपायुक्त के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
ये लिखा था नोटिस में
उपायुक्त के जारी किए नोटिस में लिखा था कि सिविल लाइन जोन कार्यालय परिसर में आए दिन बाहरी लोग, दलाल, ब्रोकर्स, वकील व अन्य अपराधी आते हैं। जो कार्यालय परिसर में अलग-अलग शाखाओं में हर दिन आकर लोगों को गुमराह करना, खुद को नगर निगम का कर्मचारी बताना, कार्मिको से असंतोषजनक व्यवहार करना, खुद को मंत्री का कार्यकर्ता बताकर धमकाते हैं। इसमें वकीलों को भी ऐसे करते हुए शामिल किया गया था।
यह भी पढ़ें- राजस्थान यूनिवर्सिटी में 6 वर्ष से चल रहा काम, अभी भी पूरी नहीं लाइब्रेरी
मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजना में बाधा बन रहे
उपायुक्त के जारी नोटिस में दलाल, ब्रोकर्स, वकील व अन्य अपराधी जैसे लोगों का प्रवेश बंद करते करते हुए मुख्यमंत्री की योजनाओं में बाधा बनने की भी बात कही गई थी। नोटिस में लिखा गया था कि मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजना के निर्धारित लक्ष्यों को पूरा किये जाने में ये अपराधी सरकारी काम और आमजन की पत्रावलियों के काम में बाधा बन रहे हैं। ऐसे लोग कार्यालय में पाए जाने पर विभागीय स्तर से और पुलिस स्तर से कार्रवाई की जाएगी।