Investor Summit : प्रदेश में इस समय इन्वेस्टर्स समिट ‘इनवेस्ट राजस्थान’ की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। यह समिट केवल मुख्यमंत्री का ही नहीं, पूरे प्रदेश का सपना हैं। प्रदेश में हो रही इतनी बड़ी समिट के पीछे जिन लोगों का हाथ हैं, उनमें सबसे अहम 3 किरदार हैं। ये कोई और नहीं बल्कि शासन-प्रशासन के 3 बड़े और मुख्य चेहरे हैं। ये हैं उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, मुख्य सचिव उषा शर्मा और उद्योग की एसीएस सचिव वीनू गुप्ता हैं।
छह माह से तीनों इस समिट को सफल बनाने के लिए रात-दिन एक किए हुए है। नतीजा अरबों का निवेश राजस्थान के लिए हाथ खोले खड़ा है। खासकर सौर ऊर्जा, पेट्रोलियम संबंधी प्रोजेक्ट और सीमेंट उद्योगों को लेकर तमाम औद्योगिक घरानों को राजस्थान ने आकर्षित किया है। उद्याेगपति लक्ष्मी मित्तल, गौतम अडानी, सीके बिड़ला, अनिल अग्रवाल जैसे दिग्गज इस आयोजन का हिस्सा होंगे। पहली बार ही ऐसा हुआ है कि समिट से पहले ही 10.44 लाख करोड़ के 4,192 कंपनियों के एमओयू और एलओआई साइन गए।
उद्योग मंत्री शकुंतला रावत
उद्योग और वाणिज्य जैसे भारी-भरकम मंत्रालय की जिम्मेदारी शकुं तला रावत के कं धों पर हैं। रावत को जब यह महकमा सौंपा गया तो कई तरह के सवाल खड़े किए गए। उनकी सादगी भरी छवि और पहली बार मंत्री बनने पर इतने महत्वपूर्ण विभाग का जिम्मेदारी देने के मुख्यमंत्री के निर्णय पर सवाल उठाएं गए थे। लेकिन अब इस इन्वेस्टर्स समिट की कर्ता- धर्ता के मुख्य किरदार में वे हैं। रावत ने इस समिट के लिए अब तक पचासों समीक्षा बैठकें की हैं, जहां जरूरत पड़ी है वहां उनके निर्देशन में काम हुआ है। रावत ने प्रदेश के बाहर जाकर रोड शो भी किए।
मुख्य सचिव उषा शर्मा
इस समिट को पूरी तरह महिला शक्ति का साथ मिल रहा है। इसका एक और अहम किरदार प्रदेश की मुख्य सचिव उषा शर्मा हैं। प्रदेश को इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली माहौल देने का श्रेय उन्हें जाता है। समिट में किए गए और आगे किए जाने वाले सभी जिलों पर हु ए एमओयू और एलओआई की जानकारी मुख्य सचिव लेती थीं। उन्होंने जमीनी स्तर पर जाकर हर कार्य का निरीक्षण और निर्देशन किया ताकि जिला स्तर से ज्यादा से ज्यादा एमओयू धरातल पर उतरे। समिट स्थल को लेकर मुख्य सचिव ने बैठक बुलाई तो कार्यक्रम की रूपरेखा, मेहमानों के लिए सुविधाओं को लेकर उनकी तरफ से रखे गए खाके को देखकर अधिकारी भी अचंभित हो गए।
उद्योग विभाग की ACS वीनू गुप्ता
इन्वेस्ट राजस्थान का सबसे ज्यादा अहम किरदार अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता का है।बेहद सजगता से उन्होंने हर निवेश की बेहद पैनी मॉनिटरिंग की है। इसके बिना कोई एमओयू आगे नहीं बढ़ सकते थे। वीनू गुप्ता ने मुख्यतः उन एमओयू पर ज्यादा फोकस किया है जिनकी धरातल पर उतरने की संभावना ज्यादा हो। फिर भी अगर किसी निवेशक को किसी भी तरह की समस्या न हो इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निवेशक से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क रखते हए उसकी हर समस्या का समाधान निकालने के लिए निर्देश दिए थे।