Invest Rajasthan : इन्वेस्ट राजस्थान समिट मेंएनआरआर कॉन्क्लेव सत्र आयोजित किया गया। सत्र में राजस्थान के प्रवासी उद्योगपतियों ने शिरकत की। कॉन्क्लेव में सामाजिक सरोकार से जुड़े करीब 300 करोड़ रुपए के एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सत्र के दौरान पहली नॉन रेजिडेंट राजस्थानी पॉलिसी और राजस्थान फाउंडेशन की वेबसाइट को भी लॉन्च किया। इसका उद्श्य प्रवा दे सियों को राजस्थान के साथ जोड़े रखना और विकास में योगदान देना है।
में खनिज, पर्यटन, कृषि सहित कई क्षेत्रों में बढ़ाया जाए निवेश
कॉन्क्लेव में कई नॉन रेजिडेंट राजस्थानियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया गया। प्रवासी राजस्थानी उद्योगपतियों ने राजस्थान में इन्वेस्ट के नए बाजार के बारे में बताते हुए कहा कि राजस्थान में खनिज, पर्यटन, कृषि सहित कई क्षेत्रों में निवेश बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा जो पॉलिसी लाई जा रही है उन्हें जल्दी से जल्दी इम्पिलेंट करना आवश्यक है ताकि निवेशकों का विश्वास बढ़ सके और अधिक निवेश के रास्ते खोले जा सके। इस दौरान राजस्थानी बिजनेस फॉर प्रोफेशनल ग्रुप संयुक्त अरब अमीरात के केसर कोठारी ने कहा कि हमने मातृभूमि से बहुत कुछ लिया है, अब हम अपनी मातृभूमि को देना चाहते हैं।
विगत वर्षों में राज्य में आए सामाजिक, आर्थिक विकासात्मक बदलाव हुए हैं। राजस्थान में नए क्षेत्रों में इन्वेस्ट करने का सही समय है। इस दौरान कोठरी ने प्रदेश में फार्म हॉउस के प्रोजेक्ट में सरकार के सहयोग की भी मांग की ताकि प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाया जा सके।
अब बदल चुकी है प्रदेश की तस्वीर
कॉन्क्लेव में श्री सीमेंट के प्रबंध निदेशक हरिमोहन बांगड़ ने कहा कि राजस्थान से जुड़ाव के लिए वर्ष 2000 में स्थापित राजस्थान फाउंडेशन विशाल वृक्ष बन गया है। हर क्षेत्र में राजस्थानियत को बढ़ावा दे रहा है। पहले राजस्थान बालू रेत और धूप वाले प्रदेश के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब राजस्थान की तस्वीर बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निवेश में हमारी सबसे बड़ी सहयोगी है और उद्योगों को बढ़ावा दे रही है। इसके जरियेश्री सीमेंट का राजस्थान में 10 हजार करोड़ का इन्स्ट हो गया है। वे उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग करने की जानकारी देते हुए कहा कि उनके प्रोडक्शन हाउस में अब पूरी तरह बरसात का पानी उपयोग किया जा रहा, जो पहले भूमि से निकाला जा रहा था।