विधायक हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण विसंगति मामले पर सरकार के आज आए फैसले पर ओबीसी आरक्षण के आंदोलनकारियों को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आप सभी युवाओं को बधाई, जिन्होंने OBC आरक्षण आंदोलन में संघर्ष किया है। विवाद से नहीं सामंजस्य, सहयोग और संघर्ष से ही सफलता मिलती है।
बता दें कि हरीश चौधरी लगातार ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों को लेकर आवाज उठा रहे थे। उन्होंने सरकार से मांग उठाई कि विभाग ने भर्तियों के लिए जो उपनियम बनाए हैं उन्हें वापस लिया जाए और भूतपूर्व सैनिकों का कोटा अलग से निर्धारित किया जाए जो ओबीसी वर्ग के 21 फीसदी आरक्षण से अलग हो। साथ ही 2018 से लेकर 2022 तक जो इस विसंगति से प्रभावित हुए हैं उनके लिए छाया पद सृजित किया जाए।
सीएम ने आज कैबिनेट में लिया था फैसला
ओबीसी आरक्षण विसंगति मामले में आज ही सीएम गहलोत ने कैबिनेट मीटिंग ली थी, जिसमें उन्होंने ओबीसी आरक्षण विसंगति मामले में भी संसोधन किया है। सरकार ने राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम में बेहद महत्वपूर्ण संशोधन किया है। इसके अलावा राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति के प्रस्ताव पर अनुमोदन सहित कई अहम निर्णय लिए गए हैं।
ये किया गया संसोधन
मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम, 1988 में संशोधन का बड़ा फैसला लिया है। इससे राज्य की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को क्षैतिज (हॉरिजॉन्टल) श्रेणीवार आरक्षण प्राप्त होगा। इस संशोधन से SC-ST के भूतपूर्व सैनिकों को भी समग्र रूप से सीधी भर्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। साथ ही पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों में से पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों (भूतपूर्व सैनिकों के अलावा) का भी सम्यक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा।
बात दें कि भूतपूर्व सैनिकों की वर्तमान भर्ती नियमों में भर्ती उपरांत, उनका समायोजन उनसे संबंधित श्रेणी में किया जाता है। इस व्यवस्था से भूतपूर्व सैनिकों के अपनी श्रेणी में समायोजित होने के कारण SC-ST के भूतपूर्व सैनिकों का चयन कम हो पा रहा था। साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के लिए निर्धारित आरक्षण के बाद चयनित अभ्यर्थियों के अपने वर्ग में समायोजित हो जाने के कारण कुछ भर्तियों में पिछड़ा वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जो भूतपूर्व सैनिक नहीं हैं, उनका भी समुचित प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है। भूतपूर्व सैनिकों को वर्तमान में मिल रही आयु में छूट और न्यूनतम अंकों में छूट का लाभ भी मिलता रहेगा। साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के किसी भर्ती के रिक्त पद के विरूद्ध रिक्तियां एक भर्ती वर्ष तक आगे की जाती रहेगी।