जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर करीब 4 साल बाद फोन टैपिंग का जिन्न बाहर निकल आया है। साल, 2020 में जब सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 19 विधायकों ने अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत की थी। तब फोन टैपिंग मामला खूब गूंजा था। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कुछ मंत्रियों और विधायकों की कथित ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस दौरान बीजेपी ने कांग्रेस को खूब घेराबंदी की थी।
मौजूदा सरकार पर नियम के विरुद्ध फोन टैपिंग कराने के आरोप लगे थे। अब कांग्रेस बीजेपी का पुराना हिसाब किताब पूरा करने के प्रयास कर रही है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी उनका फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों को डर है कि डोटासरा से बात की तो सरकार ट्रांसफर कर देगी।
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अफसरों का सता रहा है टैपिंग का डर
गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को बीजेपी पर हमलावर होते हुए कहा कि प्रदेश के अफसर फोन टैपिंग को लेकर सरकार से डरे हुए हैं। इस वजह से अफसर मेरा फोन नहीं उठाते कि सरकार फोन टैपिंग ना करा ले। विधानसभा में इस मामले में हमारी सरकार बीजेपी को घेरते हुए इस संबंध में जवाब मागेंगी।
गहलोत के ओएसडी के खिलाफ मामला लंबित
फोन टैपिंग मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ दिल्ली में मुकदमा दर्ज कराया था। लोकेश शर्मा पर फोन टैपिंग की तीन ऑडियो क्लिप वायरल करने का आरोप लगा था। यह ऑडियो क्लिप सरकार को गिराने के संबंध में थी। इस मामले में लोकेश शर्मा कई बार कोर्ट में पेश हो चुके हैं। फिलहाल की उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगी हुई है। लेकिन मुश्किलें कम नहीं हुई है।
जातीय तबादलों से हुए ट्रांसफर
डोटासरा ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि सरकार प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों और अफसरों के ट्रांसफर जातीय दुर्भावना से कर रही है। जाति विशेष के अधिकारियों और कर्मचारियों को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है। सरकार ने अपने वादा पर खरा नहीं उतर रही है। चुनाव से पहले बीजेपी ने अपराधों पर लगाम लगाने, महंगाई कम करने, किसानों की आमदनी दोगुनी करने और विदेश नीति को ठीक करने के बड़े-बड़े वादे किए थे। लेकिन अभी तक एक भी वादा पूरा नहीं किया है।
दो महीने में ही अपराधों की भरमार
डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस को अपराधों को लेकर कोसने वाली बीजेपी के दो महीने के कार्यकाल में रेप और दुष्कर्म के मामलों का अंबार लगा पड़ा है। खासतौर पर महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों में बढ़ोतरी हुई है। पिछले दो महीने में प्रदेश में बलात्कार की 883 घटनाएं सामने आई है। हैरानी की बात तो यह कि मुख्यमंत्री के गृह जिले भरतपुर में सर्वाधिक 146 बलात्कार के मामले सामने आए हैं। प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर की बजाय यूनिवर्सिटीज और एनसीसी के पेपर लीक हो रहे हैं।
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