Government meeting in Kota suicide case: मुख्य सचिव उषा शर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में राज्य में चल रहे कोचिंग संस्थानों के छात्रों के तनाव को कम करने और उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए दिशानिर्देशों का पालन करने के संबंध में एक बैठक हुई।
मुख्य सचिव ने कोचिंग संचालकों से कहा है कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए तनाव मुक्त माहौल सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। आज छुट्टी के दिन सचिवालय में इस संबंध में बैठक लेते कहा कि इस संबंध में पूरी जिम्मेदारी कोचिंग संचालकों की है।
तनाव को कम करने के लिए हर संभव प्रयास हो
मुख्य सचिव ने कहा कि बच्चों में पढ़ाई के अवांछित तनाव को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किये जाने चाहिए, ताकि वे हताशा और निराशा के कारण गलत कदम न उठाएं. सीएस ने कहा कि कोचिंग संस्थान भी सफलता दर बढ़ाने के लिए बच्चों को इस अंधी दौड़ में धकेल देते हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चे हमारी धरोहर हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि पढ़ाई के बोझ के कारण किसी बच्चे की मौत न हो। शर्मा ने कहा कि कोचिंग संचालकों की जिम्मेदारी है कि पढ़ने वाले बच्चों के बीच ऐसी कोई अप्रिय घटना न हो।
सरकार कर रही इस दिशा में गंभीरता से प्रयास
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही है। उन्होंने इस संबंध में हर 10 दिन में एक बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिये। मुख्य सचिव ने जिला कलक्टर एवं जिला एसपी को जिले के कोचिंग संस्थानों में राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने का भी निर्देश दिया।
प्रमुख सचिव भवानी सिंह देथा ने बताया कि विषय की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए समिति को कोचिंग संचालकों, अभिभावकों, मनोवैज्ञानिक परामर्शदाताओं, शिक्षाविदों जैसे संबंधित हितधारकों से सुझाव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय समिति ने प्राप्त सुझावों का गहन अध्ययन एवं विश्लेषण कर रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है।
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