Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार दोनों पार्टीयों ने पूरी ताकत झोक रखी है। भाजपा का अबकि बार विशेष ध्यान पूर्वी राजस्थान पर है। यह पूरा ईलाका मीणा-गुर्जर बाहुल्य है। इस लिए यहां पर बीजेपी ने किरोड़ी लाल मीणा और विजय बैंसला की जोड़ी को मैदान में उतारा है। इसी क्रम में टोंक जिले की देवली उनियारा विधानसभा सीट पर भी कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है, क्योंकि बीजेपी ने इस सीट से विजय बैंसला को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने एक बार फिर पूर्व डीजीपी और मौजूदा विधायक हरीश चंद्र मीणा पर विश्वास दिखाया है।
आम आदमी पार्टी ने भी पहली बार देवली उनियारा से अपना उम्मीदवार चुनाव में मैदान में उतारा है। उन्होंने देवली के चिकित्सक डॉ राजेंद्र सिंह मीणा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
कांग्रेस ने बड़े अंतर से जीता था पिछला चुनाव
कितने वोटर 2018 के विधानसभा चुनाव में देवली-उनियारा सीट पर नजर डालें तो यहां 9 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला था। कांग्रेस के हरीश चंद्र मीना को 95,540 वोट मिले जबकि बीजेपी के राजेंद्र गुर्जर को 74,064 वोट मिले। हरीश चंद्र मीना ने 21,476 (11.6%) वोटों के अंतर से आसानी से चुनाव जीत लिया।
2018 में थे 2,45,467 मतदाता
तत्कालीन चुनाव में देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2,45,467 थी, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,27,878 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,17,585 थी. इनमें से कुल 1,85,559 (76.7%) मतदाताओं ने वोट डाले। चुनाव में नोटा के पक्ष में 2,605 (1.1%) वोट पड़े।
RLP से मैदान में डॉ. विक्रम सिंह गुर्जर
यह सीट गुर्जर और मीना बाहुल्य वर्ग की है। जिसके चलते दोनों पार्टियों ने इसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए अपने उम्मीदवार उतारे हैं, राजस्थान यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रह चुके डॉ. विक्रम सिंह गुर्जर ने RlP से चुनाव लड़े हैं। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद विक्रम सिंह कांग्रेस से टिकट की मांगा कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। विक्रम सिंह गुर्जर पिछले 20 सालों से देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं।