अलवर। राज्य सरकार की इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में शहरी क्षेत्र के नागरिकों को 125 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान है। लेकिन शहर की खेरली नगरपालिका में इस योजना के अंतर्गत कामगारों ने अनियमितता का आरोप लगाया है। कामगारों ने पालिका पर गंभीर लगाते हुए कार्य का बहिष्कार कर दिया और अपनी मांग और शिकायत लेकर विधायक बाबूलाल बैरवा के निवास पर पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया।
काम के मुताबिक नहीं मिल रहे संसाधन
धरने पर बैठी कामगार महिलाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस योजना में निर्धारित कार्यों से अलग उनसे वे कार्य भी कराए जाते हैं जिनके लिए पालिका में कर्मचारी लगे हुए हैं और उसके बदले मासिक भुगतान भी उठा रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें साफ-सफाई करने के लिए केवल झाड़ू दी जाती है, जिससे गंदगी उठाने और नाले की सफाई करवाई जाती है। महिलाओं ने बताया कि उन्हें हाथों से गंदगी भरकर सिर पर रखकर फेंकने को कहा जाता है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कार्य के अनुरूप उन्हें संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं। इस बारे में मेट से कहने पर वह हाजिरी नहीं भरने की धमकी देता है।
विधायक बाबूलाल बैरवा के आवास पर प्रदर्शन
गौरतलब है कि 125 दिवसीय रोजगार गारंटी योजना में शहरी क्षेत्र के लिए काम मांगने पर काम उपलब्ध कराने की गारंटी नगरपालिका की है। जिसमें नगर पालिका खेरली ने लगभग 300 से अधिक जॉब कार्ड बनाए। इनमें से लगभग 200 से अधिक कामगार कार्य कर रहे हैं। इस योजना के अन्तर्गत रेलवे स्टेशन, पीएचइडी कार्यालय परिसर और पुलिस स्टेशन में कार्य उपलब्ध कराया गया। जहां 3 स्थानों पर कुल 23 कामगार ही कार्य करते मिले।
इधर विधायक बाबूलाल बैरवा के निवास पर पहुंचकर धरना प्रदर्शन कर रहे कामगारों की समस्याओं को विधायक के निजी सचिव वीरू बैरवा नेसुना और विधायक को फोन पर अवगत कराया। जबकि प्रदर्शन कर रहीं कामगार महिलाएं विधायक के आने तक वहीं धरना देकर बैठने की जिद पर अड़ी रहीं। जिसके बाद काफी समझाने के बाद आखिर उन लोगों ने धरना समाप्त किया।