आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के साथ मिलकर अपने आवास पर दिवाली का कार्यक्रम का मना रहे हैं। इसमें उन बच्चों को शामिल किया गया है जिनके माता-पिता का कोरोना के चलते असामयिक निधन हो गया है। कार्यक्रम में अशोक गहलोत एक एक का नाम लेकर बच्चों को बुलाया व उनसे बातचीत कर उनके मन की बात जानने की कोशिश की। बता दें कि कार्यक्रम में कुल 231 बच्चों को व उनके एक अभिभावक को सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया गया।
इस कार्यक्रम में कई शहरों के बच्चे शामिल हुए। इनमें से 4 बच्चे अलवर के हैं इनमें से एक बच्चा अलवर शहर का है जबकि बाकी 3 भाई-बहन हैं जो बानसूर इलाके के हैं। जयपुर आने से पहले आज सुबह अलवर सर्किट हाउस में जिला कलेक्टर और प्रशिक्षु आईएएस रीना डाबी ने इन बच्चों के साथ अल्पाहार किया और गिफ्ट देकर इन्हें अलवर से जयपुर के लिए रवाना किया। सर्किट हाउस में इनका माल्यार्पण कर स्वागत भी किया गया।
मुख्यमंत्री से मिली बालिका प्रिया यादव ने बताया कि उन्हें बहुत अच्छा लगा रहा है। हम तीनों भाई बहन मुख्यमंत्री से मिले। व उनके साथ दीवाली मनाई। ऐसा मौका हर किसी को नहीं मिलता। प्रिया ने बताया कि वे टीचर बनना चाहती हैं। मुख्यमंत्री से बात करते हुए वे काफी भावुक हो गई थीं। जिस पर अशोक गहलोत ने उन्हें ढांढस बंधाया। अशोक गहलोत ने प्रिया यादव व उनके भाई-बहनों की शिक्षा के बारे में भी पूछा।
कार्यक्रम में कोटा से आए एक बच्चे से सीएम ने जब पूछा कि कोटा में आज कल काफी विकास कार्य कराए जा रहे हैं क्या आपको पता है कि वो किसकी ओर से कराया जा रहा है। तो बच्चे ने मुख्यमंत्री के पास बैठे यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की तरफ इशारा किया तथा कहा कि ये करा रहे हैं। इस पर मंच पर बैठे सभी लोग ठहाके लगाकर हंसने लगे। मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या आपको इनका नाम नहीं पता। बच्चे के मना करने पर उन्होंने पूछा कि जब आपको इनका नाम नहीं पता तो ये कैसे पता कि ये ही कोटा में विकास कार्य करा रहे हैं। इस पर बच्चे ने कहा कि क्योंकि उसने शांति धारीवाल का पोस्टर देखा था। इस पर एक बार फिर मंच पर जोरों के ठहाके लगे।
अग्निवीर नहीं है सही
कार्यक्रम में आए एक किशोर से जब मुख्यमंत्री गहलोत ने पूछा कि वो क्या बनना चाहते हैं तो किशोर ने कहा कि वह अग्निवीर भर्ती में जाना चाहता है। इस पर अशोक गहलोत ने पूछा कि क्या वे जानते हैं कि अग्निवीर कितने साल की सेवा देती है। इस पर किशोर ने कहा कि 4 साल की सेवा है। लेकिन इसे लंबा होना चाहिए। 4 साल की सेवा के बाद उन्हे क्या रोजगार मिलेगा वह पता नहीं।
कार्यक्रम में आए बच्चों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी व्य़क्तिगत समस्याओं से भी अवगत कराया। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन बच्चों के नाम, उनका जिला, पता व उनकी समस्याओं को संबंधित अधिकारियों के पास नोट कराने को कहा जिस पर जल्द कार्रवाई होगी। बच्चों से बातचीत करने के बाद अशोक गहलोत ने जिलेवार बच्चों के साथ फोटो खिंचाई।