मंत्री खाचरियावास की अधिकारियों की ACR भरने की मांग के समर्थन में उतरे सीएम सलाहकार संयम लोढ़ा

मुख्यमंत्री के सलाहकार और विधायक संयम लोढ़ा ने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के उस मांग का समर्थन किया जिसमें खाचरियावास ने मंत्रियों को ही उनके…

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मुख्यमंत्री के सलाहकार और विधायक संयम लोढ़ा ने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के उस मांग का समर्थन किया जिसमें खाचरियावास ने मंत्रियों को ही उनके विभाग में तैनात अधिकारियों का ACR भरने का अधिकार मांगा था। इसके लिए खाचरियावास ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा है।

विधायक संयम लोढ़ा ने ट्वीट कर कहा कि नागरिकों के प्रति प्रशासन को जवाबदेह बनाने के लिए यह उचित होगा कि विभाग में कार्यरत आईएएस अधिकारियों की एसीआर विभाग के मंत्रियों द्वारा भरी जाए। मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की मांग पूरी तरह जनहित में है।

बता दें कि कल मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने खाद्य विभाग के तत्कालीन खाद्य सचिव पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन अफसरों को ये नहीं पता कितनी कैटेगिरी को गेहूं दिया जाता है, उनको सरकार ने प्रमोशन करके अक्षय ऊर्जा में लगा दिया है। राज्य में 46 हजार मेट्रिक टन गेहूं कम मिला है, क्योंकि केंद्र को यूटिलिटी सर्टिफिकेट नहीं भेजा है। उसके कारण हमारा 46 हजार मेट्रिक टन गेहूं लेप्स हो गया है। इसके बाद मैंने अधिकारियों की मीटिंग बुलाई। मैंने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कार्रवाई करने की बता कहीं।

सरकार की अवहेलना करने पर होगी सख्त कार्रवाई

खाचरियावास ने कहा था कि देश और राजस्थान में जिस तरह से आईएएस अफसर काम कर रहे हैं। उन्हें ये समझ लेना चाहिए कि अच्छे और बुरे आईएएस मैंने देखे है। यदि कोई अधिकारी जनता का गेंहू लेप्स करा दे। ऐसे अफसरों पर कार्रवाई के लिए मैंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। इसके लिए मैंने सीएस से भी बात की है और इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि धीरे-धीरे काम नहीं चलता है। यदि कोई अधिकारी सरकार की अवहेलना कर रहा है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। तब ही डेमोक्रेटिक सिस्टम लागू होगा।

उन्होंने कहा कि यह सवाल बीजेपी और कांग्रेस का नहीं है। आप मत लिखिए अफसरों की एसीआर, यह हमें लिखने दीजिए। इसके लिए मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है। क्योंकि अलग-अलग विभाग है और हर विभाग के अलग-अलग मंत्री है। जब एसीआर लिखने के अधिकारी मंत्रियों को मिलेंगे तभी ये अफसर सुधरेंगे।

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