Rajasthan Politics : राजस्थान कांग्रेस में मचे सियासी घमासान को लेकर भाजपा पूरी तरह कांग्रेस पर आक्रामक है। इस पूरे घटनाक्रम पर भाजपा का आलाकमान नजर बनाए हुए हैं। वहीं खबर यह भी आ रही है कि आज भाजपा विधायक दल की बैठकर भी हो सकती है और उसके बाद प्रेस कांफ्रेंस भी आयोजित की जा सकती है। गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा ने बयान दिया था कि उन्हें कांग्रेस की टूट का ही इंतजार है।
इतनी अनिश्चितता को भारत-आस्ट्रेलिया के मैच में भी नहीं
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस पूरे सियासी भूचाल पर कहा कि इस समय प्रदेश कांग्रेस में इतनी ज्यादा अनिश्चितता है जितनी तो भारत-आस्ट्रेलिया के मैच में भी नहीं है। कांग्रेस विधायकों की बैठकें अलग चल रही हैं। इस्तीफों का सियासी पाखंड अलग चल रहा है। पूनिया ने कहा कि ये लोग (कांग्रेस) क्या राज चलाएंगे कहां ले जाएंगे ये राजस्थान को..अब तो भगवान ही बचाए राजस्थान को।
‘इस्तीफा देने का बंद करें नाटक’
वहीं विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी इस घटनाक्रम पर चुटकी लेने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि हुजूर (कांग्रेस विधायक) इस्तीफा देने का नाटक बंद करें। कांग्रेस के वीर विधायकों को वास्तव में त्यागपत्र देना चाहिए तो विधानसभा के नियम औऱ प्रक्रियाओं के नियम 173 के अंतर्गत अपना इस्तीफा स्पीकर महोदय को सौंपे। स्पीकर महोदय जी से प्रार्थना है कि वह 173(2) के अंतर्गत तुरंत इस्तीफा दें।
‘गहलोत भी दे दें इस्तीफा’
राठौड़ ने आगे कहा कि जिनके इशारे पर इस्तीफे का खेल चल रहा है। इस प्रदेश की जनता अच्छी तरह से समझ रही है। इस्तीफा-इस्तीफा का खेल कर समय जाया न करें। अगर इस्तीफा देना ही है तो मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर विधानसभा भंग का प्रस्ताव राज्यपाल महोदय को तत्काल भेजें। राजस्थान में मौजूदा राजनीतिक हालात राष्ट्रपति शासन की ओर इशारा कर रहे हैं। उन्होंने राजस्थान के सीएम आप नाटक क्यों कर रहे हों। मंत्रिमंडल के इस्तीफे के बाद अब देरी कैसी। आप भी इस्तीफा दे दीजिए।
कांग्रेस विधायकों का आलाकमान को ‘प्रस्ताव’
आपको बता दें कल रात 12 बजे कांग्रेस के गहलोत समर्थक 92 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को उनके आवास पर जाकर इस्तीफा सौंप दिया। गहलतो गुट विधायकों नेपार्टी आलाकमान से 3 शर्ते रखी हैं जिनमें उन्होंन मांग की है कि जिन 103 विधायकों ने सरकार बचाई थी उनमें से प्रदेश का सीएम बनाया जाए। दूसरी शर्त में उन्होंने मांग की है कि इनमें से जो सीएम बने वह अशोक गहलो की पसंद का होना चाहिए। तीसरी शर्त में उन्होंने मांग उठाई कि जब 19 अक्टूबर को गहलोत अध्यक्ष बन जाएंगे तभी विधायक अपनी बात कहेंगे वह भी खुद सोनिया गांधी से।
वापस दिल्ली बुलाए गए माकन और खड़गे
दूसरी तरफ कांग्रेस हाईकमान ने जयपुर में पर्यवेक्षक के रूप में ठहरे अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को वापस दिल्ली बुला लिया गया है। आज दोपहर में वे दोनों वापस दिल्ली के लिए रवाना होंगे। बता दें कि कल खड़गे और माकन पर्यवेक्षक बन कर सियासी हालातों को नियंत्रण में करने आए थे। कल शाम को CMR में अशोक गहलोत के साथ खड़गे और माकन कांग्रेस के सभी विधायकों की बैठक लेने आए थे। खड़गे और माकन प्रत्येक विधायक के अलग-अलग बात कर सियासी माहौल को संभालने की नीति बनाने बैठक में शामिल हुए थे। लेकिन गहलोत गुट के विधायक बैठक से नदारद रहे। उन्होंने शांति धारीवाल के आवास पर रणनीति बना कर सीपी जोशी के आवासल पर जाकर इस्तीफा सौंप दिया।