बगावत पर उतारु बीजेपी नेता! बानसूर और तिजारा में क्यों उठ रहे बीजेपी के टिकट पर सवाल? जानिए

भाजपा में 41 नामों की पहली सूची जारी होने के साथ ही अलग-अलग सीट पर दावेदारों द्वारा विरोध देखने को मिल रहे है। इस कड़ी में अलवर जिले की तीन विधानसभा सीटों पर घोषित उम्मीदवारों में से दो सीटों पर भी यही हाल है।

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Rajasthan Assembly Election 2023: भाजपा में 41 नामों की पहली सूची जारी होने के साथ ही अलग-अलग सीट पर दावेदारों द्वारा विरोध देखने को मिल रहे है। इस कड़ी में अलवर जिले की तीन विधानसभा सीटों पर घोषित उम्मीदवारों में से दो सीटों पर भी यही हाल है। तिजारा और बानसूर की सीट को लेकर बीजेपी के नेता खुले तौर पर मैदान में प्रत्याशियों का विरोध कर है। आइए जानते है इसके पीछे क्या कारण है।

बालकनाथ लड़ना चाहते थे बहरोड़ से चुनाव

जानकारों की माने तो बाबा बालकनाथ पिछले कई समय से बहरोड़ में सक्रिय नजर आ रहे थे. जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि बाबा बालकनाथ बहरोड़ से ही विधायक का चुनाव लड़ेगे। इधर जैसे ही प्रत्याशियों की लिस्ट आई तो उसमें बाबा बालकनाथ के नाम ने सभी को चौंका दिया। लगातार इस क्षेत्र में भाजपा के पूर्व विधायक मामन सिंह यादव सक्रिय थे। लगातार जानकार मान रहे थे कि यहां से मामन सिंह यादव का टिकट फाइनल है लेकिन, बीजेपी ने मामन सिंह का टिकट काट दिया।

तिजारा सीट से पूर्व विधायक मामन सिंह यादव का विरोध

सबसे अलवर जिले की तिजारा विधानसभा सीट की बात करते है। यहां से सबसे चौंकाने वाला नाम सामने आया है। बीजेपी ने इस सीट से सांसद बाबा बालकनाथ को टिकट दिया है। जिसके बाद बीजेपी के पूर्व विधायक मामन सिंह यादव द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। आज मंगलवार को मामन सिंह यादव ने तिजारा में एक पंचायत बुलाई थी। जहां संबोधन के दौरान मामन सिंह यादव भावुक होते नजर आए। वीडियो में मामन सिंह सामने बैठे लोगो से कहते नजर आ रहे है कि अगर आप चाहते है कि मैं चुनाव में खड़ा हूं तो आपको तन मन धन से साथ देना होगा। अगर आप नहीं चाहते है तो मैं तिजारा छोड़ कर चला जांऊगा। क्योंकि तिजारा का अस्तित्व खत्म हो रहा है।

बालकनाथ को बताया बाहरी

इस दौरान पूर्व विधायक मामन सिंह यादव ने कहा की सर्वे के आधार पर उनका नाम फाइनल हो चुका था केंद्रीय समिति ने भी उन्हें टिकट मिलने का आश्वासन दिया था, साथ ही क्षेत्र में जाकर प्रचार करने की भी बात कही थी। तिजारा से जितने भी स्थानीय उम्मीदवार अपनी दावेदारी जता रहे थे भाजपा ने उन सभी के साथ धोखा देने का काम किया है जिसका करारा जवाब तिजारा की जनता चुनाव में देगी।

बानसूर से देवी सिंह शेखावत का विरोध

देवी सिंह शेखावत यूआईटी के पूर्व चेयरमैन रहे है। 2018 के चुनाव में देवी सिंह ने बीजेपी से टिकट की मांग की थी लेकिन भाजपा ने उनको टिकट नहीं देकर मैदान में महेंद्र कुमार यादव को मैदान में उतारा था। इससे देवी सिंह नाराज होकर निर्दलय मैदान में उतर गए थे। नतीजों में देवी सिंह दूसरे नंबर पर रहे थे। बानसूर से भाजपा के टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा ने देवी सिंह के नाम पर नाराजगी जाहिर की है। अब वह निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर सकते है।

बीजेपी को पूर्व प्रत्याशी ने घेरा

महेंद्र यादव ने भी देवी सिंह के नाम पर नाराजगी जाहिर की है। आज मंगलवार को उनके द्वारा एक सभा का भी आयोजन किया गया। वह अपने संबोधन में यह कहते नजर आए कि जिन लोगों की वजह से पार्टी को पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा पार्टी उन्हें कैसे टिकट दे सकती है। उन्होंने कहा मेरे फैसले की घोषणा बड़ी रैली में करूंगा, जनता का फैसला ही मेरा फैसला होगा। ऐसे में संभावना जाहिर की जा रही है कि महेंद्र यादव भी चुनावी मैदान में नजर आ सकते है।

अलवर ग्रामीण सीट पर शांति

अलवर ग्रामीण सीट से बीजेपी ने पूर्व विधायक जयराम जाटव पर दांव खेला है। प्रत्याशी घोषित होने के बाद से अब तक इस सीट पर बीजेपी के किसी भी नेता द्वारा किसी भी तरह का कोई विरोध नहीं किया गया है। जानकारों की माने तो अलवर ग्रामीण में जयराम जाटव की अच्छी पकड़ है। यही कारण है कि बेटी द्वारा बीजेपी ऑफिस पहुंचकर लगातार पिता को टिकट देने का विरोध करने के बाद भी पार्टी ने जयराम जाटव को मैदान में उतारा है।