Rajasthan Assembly Election 2023: अलवर जिले को राजस्थान का सिंहद्वार कहा जाता है। अलवर जिले में 11 विधानसभा सीट है। यहां पर अलवर शहर विधानसभा सीट सामान्य श्रेणी की है। इस सीट पर पिछले तीन विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीत दर्ज कर रही है। 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के प्रत्याशी संजय शर्मा जीत हासिल की थी। आज हम आपको इस सीट के जातीय समीकरण के साथ ही पिछले कुछ चुनावों के समीकरण बताएंगे।
जातिय समीकरण और वोट प्रतिशत
2011 की जनगणना के मुताबिक अलवर शहरी विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,51,836 मतदाता थे। यह सामान्य श्रेणी की विधानसभा सीट है। 2011 की जनगणना के मुताबिक इस सीट पर एससी वोटर करीब 45,255 (17.97%) और एससी वोटर करीब 11,786 (4.68%) थे।
अलवर शहरी विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 6,296 (2.5%) है। यहां ग्रामीण मतदाता लगभग 6,774 (2.69%) और शहरी मतदाता लगभग 245,062 (97.31%) हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में अलवर शहरी विधानसभा में मतदान प्रतिशत (67.5%) रहा।
बीजेपी ने लगाई जीत की हैट्रिक
2008 से लेकर 2018 तक पिछले तीन विधानसभा चुनाव में यहां पर बीजेपी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। 2008 और 2013 में भाजपा ने बनवारी लाल सिंघल को मैदान में उतारा था। 2018 में संजय शर्मा को टिकट दिया गया। संजय शर्मा ने जीत हासिल करते हुए कुल 85,041 (50.91%) वोट अपने नाम करने के साथ ही जीत दर्ज की थी।
जितेंद्र सिंह कांग्रेस को निकाल पाएंगे हार के भवर से
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व मध्य प्रदेश चुनाव स्क्रीनिंग समिति के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह अलवर राजघराने से संबध रखते है। पिछले 3 विधानसभा चुनाव में अलवर शहर की विधानसभा सीट पर जीत नहीं दिला सके है। वहीं, जितेंद्र सिंह स्वयं 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
अलवर जिले की स्थिति
अलवर लोकसभा क्षेत्र सामान्य श्रेणी की संसद सीट है। अलवर जिले में कुल 11 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से 8 सीटें (तिजारा, किशनगढ़बास, मुंडावर, बहरोड़, बानसूर, थानागाजी, अलवर शहर, रामगढ़) सामान्य वर्ग के लिए हैं, जबकि 2 सीटें (अलवर ग्रामीण, कठूमर) अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित है।