sakshi Malik : पुलिस बल द्वारा जंतर-मंतर से 28 मई को हटाए जाने के बाद शीर्ष पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट ने भारतीय रेलवे में अपनी ड्यूटी फिर से ज्वाइन कर ली है। खबरों के अनुसार, उत्तर रेलवे मुख्यालय के रिकॉर्ड से पता चलता है कि रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक 31 मई को अपने बड़ौदा हाउस कार्यालय में ड्यूटी पर मौजूद हुईं। इससे 1 दिन पहले तीनों पहलवानों ने गंगा में अपने अंतर्राष्ट्रीय पदकों को बहाने पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। धरना स्थल पर मौजूद कई लोगों की अपील के बाद उन्होंने इसकी बजाय किसान नेताओं को अपने पदक सौंप दिए।
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साक्षी मलिक ने ट्वीट कर किया अफवाहों का खंडन
5 जून यानी सोमवार को साक्षी मलिक ने भी ड्यूटी ज्वाइन करने की पुष्टि की। इसी दौरान, उन्होंने खबरों का खंडन किया है कि वो आंदोलन से हट गई हैं। ये खबर बिलकुल गलत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई गलत खबर ना चलाई जाए।
पहलवानों ने की अमित शाह से मुलाकात
इससे पहले, बजरंग, साक्षी और विनेश ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपने विरोध से संबंधित मामले पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो उन्होंने गृह मंत्री के सामने अपनी बात रखी है। बैठक लंबी थी और उन्होंने सब कुछ सुना। लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ।
बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट अप्रैल से ही पहलवानों के विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर एक नाबालिग सहित कई पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। विरोध करने वाले पहलवानों को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था और विरोध स्थल जंतर मंतर पर उनकी विरोध-प्रदर्शन की व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया गया।