World Cup 2023 : 5 अक्टूबर से क्रिकेट के महाकुंभ के मेले वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत हो गई है। भारत में क्रिकेट का हर कोई दीवाना है और जब इसके महाकुंभ का आयोजन भारत में हो रहा है तो फिर लोगों का उत्साह आसानी से समझा जा सकता है। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वर्ल्ड कप मेजबान देश भारत की अर्थव्यवस्था को 2.4 अरब डॉलर यानी 22 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ा सकता है। इसका प्रभाव से भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ रेट में इजाफा हो सकता है। 19 नवंबर तक चलने वाले क्रिकेट के इस मेगा इवेंट के दौरान घरेलू सरजमीं और इंटरनेशनल स्तर पर बड़ी संख्या में खेल प्रेमियों के आने की उम्मीद है। 10 शहरों में खेले जाने वाले मैचों से सबसे ज्यादा मुनाफा टूर एंड ट्रैवल इंडस्ट्री को मिलेगा।
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वर्ल्ड कप भरेगा सरकार की तिजोरी
इस टूर्नामेंट में टिकटों की बिक्री, होटल में रुकने की व्यवस्था, रेस्तरां में खाने के साथ-साथ दूसरे खर्चों पर लगने वाला टैक्स सरकारी खजाने को 7 से 8 हजार करोड़ का लाभ पहुंच सकता है। इसके अलावा विश्व कप के दौरान क्रिकेट मैच दिखाने के लिए पब और स्पोर्ट्स बार वगैरह में बड़ी टीवी स्क्रीन लगाई जायेंगी, जिसमें फैंस मैचों का आनंद उठाने के लिए डाइनिंग पर रकम खर्च करेंगे, जो सरकार को बतौर जीएसटी मोटी रकम दिलाने में मददगार हो सकता है। देश में एंटरटेनमेट, रेस्तरां और होटलों पर निजी खर्च कुल जीडीपी का लगभग 1.4% है। अनुमान है कि क्रिकेट वर्ल्ड कप से इसे बढ़ावा मिलेगा।
विश्रापनों पर खर्च होंगे 2 हजार करोड़ रुपए
स्पोर्ट्स से जुड़ी तमाम कंपनियों की नजरें इस बार के वर्ल्ड कप पर टिकी हुई हैं। इसकी वजह भारत की 140 करोड़ की आबादी है, जो इन कंपिनयों के लिए बड़ा प्रोजेक्ट है। ऐसे में वर्ल्ड कप के बहाने यह कंपनियां भारतीय ग्राहकों को लुभाने के लिए कई लुभावने स्कीम की कोशिश में हैं, इनमें गूगल सहित कोका कोला और जापान की ऑटोमेकर निसान से लेकर सऊदी अरामको तक शामिल हैं।
फेस्टिव सीजन में वर्ल्ड कप का तड़का
क्रिकेट के इस महाकुंभ का आयोजन के साथ-साथ भारत में इस बार त्योहारों के सीजन भी साथ-साथ चलेगा। नवरात्रि से लेकर दिवाली तक सारे प्रमुख त्योहार भी नवंबर के मध्य तक ही पड़ेंगे। ऐसे में दुनियाभर की दिग्गज कंपनियां भारतीय बाजार में छाने के इस शानदार अवसर को छोड़ना नहीं चाहती हैं। फेस्टिव सीजन और वर्ल्ड कप के जूनून को कैश करने के लिए कंपनियों ने 2 हजार करोड़ रुपए सिर्फ विश्रापनों पर खर्च करने की योजना तैयारी कर ली है। पिछले विश्व कप के मुकाबले कंपनियां 1 सेकंड के स्लॉट के लिए 40% ज्यादा रकम खर्च करेंगी, जो करीब 3 लाख रुपये है।