WTC Final 2023 : टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन टेस्ट में दुनिया के बेस्ट गेंदबाजों में शुमार है। इसके बावजूद भी उन्हें आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्लेइंग इलेवन में नहीं चुना गया है। गेंद के साथ ही अश्विन बल्ले से भी कमाल करते है। कंगारू टीम के खिलाफ उनका रिकॉर्ड भी शानदार है। फाइनल मैच में भारतीय गेंदबाज विकेट के लिए तरसते रहे। अंत में भारतीय टीम को 209 रनों की करारी शिकस्त मिली है।
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जानिए बल्लेबाज होने के बावजूद अश्विन ने क्यों चुनी गेंदबाजी?
रविचंद्रन अश्विन अपने करियर की शुरुआत में एक अच्छे बल्लेबाज थे। लेकिन उन्होंने गेंदबाजी चुनी और अब इसका खुलासा किया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा- 1990 के दशक में वो भारत और श्रीलंका का मैच देख रहे थे और भारतीय खेमे की गेंदबाजी चरमरा गई थी और मेरे पसंदीदा खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर थे। मैं सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी का जमकर आनंद लेता था। अश्विन ने आगे बढ़ते हुए कहा, मैं सोचता था एक दिन मुझें गेंदबाज ही बनना है। इसी वजह से मैंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी की शुरुआत की।
मुझे गेंदबाज बनने का पछतावा रहेगा : अश्विन
रविचंद्रन अश्विन ने कहा है कि मुझे गेंदबाज होने का पछतावा रहेगा। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, अगर जब भी मैं संन्यास लूंगा तो मुझे इस बात का पछतावा होगा कि मैं इतना अच्छा बल्लेबाज था, मैंने गेंदबाज बनकर बहुत बड़ी गलती कर दी है। यह एक ऐसी विचारधारा है जिससे मैंने लगातार लड़ने की कोशिश की है लेकिन गेंदबाजों और बल्लेबाजों के लिए अलग-अलग मापदंड हैं। उनके साथ बर्ताव का तरीका भी अलग है। मेरा मानना है कि बल्लेबाजों के लिए यह एक गेंद का खेल है और उन्हें मौके की जरूरी है।
रविचंद्रन अश्विन का क्रिकेट करियर
अगर रविचंद्रन अश्विन के क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने 92 टेस्ट, 113 वनडे, 65 टी20 मुकाबले खेले है। उन्होंने टेस्ट में कुल 474 विकेट हासिल किए है। जिसमें उनका 59/7 बेस्ट है। गेंद के अलावा उन्होंने बल्लेबाजी में भी कमाल किया है, उन्होंने 92 टेस्ट में 26.97 की स्ट्राइक रन रेट से कुल 3129 रन बनाए है। जिसमें उनके नाम 5 शतक और 13 अर्धशतक शामिल है। वहीं वनडे में 151 विकेट और टी-20 में 72 विकेट हासिल किए है।