Navratri And Surya Grahan 2023: पितृपक्ष के समापन के साथ ही शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाती हैं। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से 9 दिनों तक शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है और देवी के भक्त व्रत का पालन करते हैं। सनातन धर्म में शारदीय नवरात्रि का खास महत्व है। हिंदू धर्म में भक्त नवरात्रि के दौरान 9 दिनों में मां अंबे के अलग-अलग दिन नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। इस बार नवरात्रि 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर को दशहरा के साथ समाप्त होगी। वहीं आपको बता दें कि इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगने वाला है। ऐसे में नवरात्रि की शुरूआत ग्रहण के साए में होगी।
ग्रहण पड़ने के क्या हैं परिणाम…
ज्योतिष के मुताबिक, इस साल चार ग्रहण हैं। पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को और पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को लग चुका है। वहीं अब इस वर्ष के आखिरी दो ग्रहण एक ही महीने में पड़ रहे हैं। दो ग्रहण (एक सूर्य ग्रहण और एक चंद्र ग्रहण) अश्विन महीने में पड़ेंगे। जिसमें, 14 अक्टूबर 2023 को लगने वाला सूर्य ग्रहण है। ज्योतिषियों के मुताबिक, एक ही माह में दो ग्रहण लगना बिल्कुल भी लाभकारी नहीं है। एक माह में दो ग्रहण पड़ना इसके लाभ और हानि का दूरगामी परिणाम होता है।
नवरात्रि की पूजा को सूर्य ग्रहण नहीं करेगा प्रभावित…
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार नवरात्रि की शुरुआत 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट पर होगी। खास बात यह है कि इस समय सूर्य ग्रहण भी लगा होगा। सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर की रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर देर रात 2 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। ऐसे में लोगों के मन में असंमजस की स्थिति बनी हुई कि क्या सूर्य ग्रहण नवरात्रि की पूजा को प्रभावित करेगा। ज्योतिषों के मुताबिक, नवरात्रि की पूजा पर सूर्य ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। दरअसल, नवरात्रि की पूजा में घटस्थापना का विशेष महत्व होता है। घटस्थापना का सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद होगा।
कहां कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण…
ज्योतिषों के मुताबिक, साल का दूसरा सूर्य ग्रहण अश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या पर 14 अक्टूबर, शनिवार को लगेगा। यह सूर्य ग्रहण कंकड़ाकृति सूर्य ग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। मूल रूप से यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका, कनाडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अर्जेटीना, कोलंबिया, क्यूबा, बारबाडोस, पेरु, उरुग्वे, एंटीगुआ, वेनेजुएला, जमैका, हैती, पराग्वे, ब्राजील, डोमिनिका, बहामास, आदि जगहों पर दिखाई देगा। शास्त्रों की मानें तो ग्रहण जहां लगता है और जहां दिखता है वहीं इसका प्रभाव भी पड़ता है।
भारत में कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण…
ज्योतिषों के मुताबिक, भारत में यह ग्रहण न दिखने के कारण इसका कोई भी प्रभाव यहां के लोगों पर नहीं पड़ने वाला है। भारतीय समयानुसार, 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण शनिवार को रात में 8 बजकर 34 मिनट पर प्रारंभ होगा और इसका समापन रात 2 बजकर 25 मिनट पर होगा।
कब लगता है सूर्य ग्रहण…
वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और पृथ्वी पर छाया डालता है। इस अवस्था में वो सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है। कंकणाकृति सूर्य ग्रहण मिला जुला सूर्य ग्रहण माना जाता है जिसमें ग्रहण एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में शुरू होता है फिर धीरे-धीरे यह पूर्ण सूर्य ग्रहण में बदल जाता है और फिर वापस आकर कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में बदल जाता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें…
ज्योतिषों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान करें।
इसके बाद पूरे घर और देवी देवताओं को शुद्ध करें।
ग्रहण के बाद हनुमान जी की उपासना करें।
ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य को देखने से बचना चाहिए।
ग्रहण के दौरान बाहर जाने से बचें। साथ ही ध्यान रखें कि आप कोई गलत काम न करें।
सूर्य ग्रहण में खाना पीना वर्जित…
धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए। स्कंद पुराण में भी उल्लेखित है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करने से सेहत पर गलत असर पड़ता है। यह भी बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के समय भोजन करने से सारे पुण्य और कर्म नष्ट हो जाते हैं।