गुजरात के “श्री भाव भावेश्वर महादेव” मंदिर में RSS प्रमुख मोहन भागवत ने “श्री हनुमान चालीसा शाश्वत ज्ञान” ग्रंथ का विमोचन किया। यह ग्रंथ आध्यात्मिक प्रचारक विनायक शर्मा द्वारा लिखा गया है। समारोह में महामंडलेश्वर स्वामी विद्यानंद सरस्वती की उपस्थिति भी रही। मोहन भागवत ने हनुमान चालीसा शाश्वत ज्ञान’ ग्रन्थ के लेखन के लिए विनायक शर्मा को बधाई और शुभकामनाएं दी। यह ग्रन्थ राष्ट्र निर्माण और आध्यत्मिक उत्थान का पात्र बनने के साथ ही युवा पीढ़ी से लेकर सभी वर्गों में आध्यत्मिक चेतना को जाागरुक करने का काम करेगा। इस मौके पर मोहन भागवत का शॉल ओढाकर और शिवलिंग भेंट कर स्वागत किया गया।
1. कौन हैं विनायक शर्मा?
इस अद्भुत ग्रंथ श्री हनुमान चालीसा ‘शाश्वत् ज्ञान’ की रचना करने वाले श्री विनायक शर्मा एक आध्यात्मिक लेखक एवं ओजस्वी आध्यात्मिक वक्ता है। विनायक का जन्म 9 अक्टूबर, 1993 को राजस्थान राज्य के जिले सवाई माधोपुर में हुआ, विनायक अपनी प्रारंभिक शिक्षा एवं आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए ‘ऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम’ चूरु में गये, कुछ समय शास्त्रों का अध्ययन करने के पश्चात विनायक शर्मा ने अपनी सामान्य शिक्षा सवाई माधोपुर, जयपुर एवं दिल्ली से संपन्न की, अपने छात्र जीवन में विनायक छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे, विनायक ने एक राष्ट्रभक्त के रूप में भी कार्य किया, 2016 में कश्मीर के एक आतंकवादी के घर के बाहर तिरंगा लगाने वाली घटना से विनायक चर्चा में आ गये थे, विनायक शर्मा को बचपन से ही श्री रामचरित मानस, श्रीमद् भागवत् पुराण, श्रीमद् भगवत् गीता आदि ग्रंथों के अध्ययन में विशिष्ट रुचि रही है, विनायक गुरु कृपा से ‘तंत्र’ के भी अच्छे जानकार है, ‘श्री विद्या’ के अनन्य उपासक होने के कारण विनायक के जीवन में सदैव विचित्र उपलब्धियों रही है, श्री विनायक शर्मा वर्तमान में सैटेलाइट टीवी न्यूज चैनल ‘सच बेधड़क’ के संस्थापक एवं प्रधान संपादक है, विनायक के नाम विश्व में सबसे कम आयु के सैटेलाइट न्यूज चैनल के मालिक होने का कीर्तिमान दर्ज है, मात्र 29 वर्ष की आयु में विनायक ने मीडिया जगत में कीर्तिमान स्थापित करते हुए सैटेलाइट टीवी न्यूज चैनल एवं दैनिक हिन्दी अखबार की स्थापना कर दी जिसकी ख्याति पूरे देश में फैलीं और विनायक का नाम ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन’ में दर्ज हो गया, किंतु विनायक का पूरा ध्यान सदैव अध्यात्म की ओर रहता है, सोशल मीडिया पर श्री विनायक के प्रवचन छाये रहते है, विनायक शर्मा एक ओजस्वी आध्यात्मिक वक्ता है, अध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को वह आम जन तक सदैव पहुँचाने में प्रयासरत रहते है।
2. कैसे हुई “श्री हनुमान चालीसा शाश्वत ज्ञान” ग्रंथ की रचना?
इस ग्रंथ की रचना अयोध्या के सरयू नदी के तट पर की गई। यह प्रक्रिया कई वर्षों के आध्यात्मिक चिंतन और गहन अध्ययन के बाद पूरी हुई है। विनायक कहते है कि मेरा जन्म भगवान के नाम, गुण, लीला, धाम का महत्व एवं उनकी कथा को विश्व में प्रचारित करने लिए हुआ है, भगवान स्वयं प्राकट्य होकर धर्म की स्थापना करते है तो उस धर्म का प्रचार करना हमारा परम कर्तव्य है। इस कलियुग में सिर्फ परमात्मा के नाम और उनके चरित श्रवण और गायन का ही सहारा है, इसीलिए उन्होंने इस ग्रंथ की रचना की क्योंकि कलियुग में श्री हनुमान जी साक्षात् धर्म ध्वजा को लिए राम नाम का प्रचार कर रहे है वह कलियुग के राजा है उनका एवं प्रभु श्री राम का चरित प्रत्येक जीव मात्र के हृदय तक पहुँचना चाहिए, उन्हीं की कृपा से जीव को लौकीक एवं पारलौकिक सद्गति मिल पाएगी।
3. क्या है इस ग्रंथ का उद्देश्य?
इस ग्रंथ का उद्देश्य हनुमान चालीसा के गहरे अर्थ को समझाना, भक्तों के आत्मबल को बढ़ाना और समाज में आध्यात्मिक चेतना को जागृत करना है। इसे निःशुल्क घर-घर तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। क्योंकि ईश्वर के चरित के गान एवं श्रवण के माध्यम से ही कलिकाल में जीव के हृदय में भक्ति एवं समर्पण को जागृत किया जा सकता है, जीव के पापों को नष्ट किया जा सकता है।
इस अद्भुत ग्रंथ “श्री हनुमान चालीसा शाश्वत ज्ञान” को प्राप्त करने के लिए, आप निम्न माध्यमों से संपर्क कर सकते हैं:
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हनुमान जी की कृपा से यह ग्रंथ आपके जीवन में आध्यात्मिक प्रकाश और आत्मबल का संचार करेगा।