जयपुर- मार्बल की नगरी किशनगढ़ से महज 9 किमी. दूर चारों और पहाड़ियो से घिरा गाँव खोड़ा. यहाँ पर है एक ऐताहासिक और पुराना भगवानसिद्धिविनाया गजानंद जी का मन्दिर है जो दंतकोट के गणपति और खोड़ा गणेश जी के नाम ख्याति प्राप्त है. इस मन्दिर का निर्माण आज से तकरीबन 800 वर्ष पहले हुआ था. ऐसा कहा जाता है की आज से लगभग 800 वर्ष पहले यह मूर्ति मन्दिर के बिलकुल पीछे एक नहर बहती थी…. उसके किनारे या पाल पर यह मूर्तीस्वत्तः ही पहाड़ो को चीर कर प्रकट हुई थी.
जैसे मूर्ती 800 साल पहले थी वैसी ही आज है
यहां के स्थानीय लोगो के मुताबिक एक बार किशनगढ़ के राजा खोड़ा के गणेश जी की मूर्ति को किशनगढ़ ले जाकर वहा मन्दिर बनाना चाहते थे और यहां की इस खोडा गणेश जी की मूर्ती को ले जाने के लिये राजा ने इसे 100 हाथियों से खिंचवाया फिर भी यह मूर्ती 1 इंच भी नहीं खिसकी आज मूर्ती इसी स्थिती में है, आज से 800 साल पहले भी यह इसी स्थिती में मूर्तीथी.
खोड़ा गणेश जी के प्रति गहरी आस्था
अजमेर, किशनगढ़ और आस पास के लोगो के साथ साथ राजस्थान ही नहीं अपितू देश भर के कौनेकौने से लोगों का खोड़ा गणेश जी के प्रति गहरी आस्था है और विश्वास है. शादी – विवाह में प्रथम निमंत्रण खोड़ा गणेश जी को ही दिया जाता है और शादी के बाद नव विवाहित जोडे आशीर्वाद लेने इसी मंदिर में अपनी जात लगाने को आते है. कोई भी शुभ कार्य हो या नए प्रतिष्ठना का शुभारंभ या नया वहान हों तब लोग खोडा गणेश जी के दर पर ही आते है.
मनोकामना पूरी होने के बाद बंधे हुए धागों को खोलते है
खोड़ा गणेश मन्दिर में भगवान गणेश की प्रतिमा के बिलकुल ठीक सामने मन्दिर परिसर में विशाल बरगद और इमली के वृक्ष है जहाँ भक्त नारियल पर मन्नत के धागे बांधते है जब भगवान खोडा गणेश इनकी मनोकामना पूरी कर देते है तब ये सभी लोग बाधें हुए इन धागो को दूबारा से खोल देते है. यही नहीं अपने सुखी विवाहित जीवन के लिये नव विवाहित युगल भी इन वृक्षो की परिकर्मा करते है.
जो भी सच्चे मन से अपने विवाह के लिए करता है कामना, चंद महीनो में आते है विवाह के ऑफर
सुजानगढ़ से आई पूजा स्वामी ने बताया कि मेरे विवाह में काफि अटकलें आ रही थी किसी ने मुझे किसी ने इस मंदिर के बारे में बताया की यहां कोई भी अविवाहित यहां आकर सच्चे मन से अपने विवाह के लिए कामना करता है तो चंद महिनों में ही भगवान का ये चमत्कार मैने साक्षात देखा है मैनें यह क्रिया की उसके बाद मेरी शादी हो गई. पूजा ने बताया कि जो भी खोड़ा गणेश के दरवाजे पर आकर मन्नत मांगता है. उसकी मनोकामना गणेश जी अवश्य पूरी करते है. तभी तो आज खोडा के गणेश जी जन-जन की आस्था का केंद्र बने हुए है.बतादें कि हर बुधवार और रविवार को भक्तों की अपार भीड इस बात की गवाह है. गणेश चतुर्थी के दिन तो हां मेला भरता है और हजारों भक्त दर्शन को आते है.