RLP-Congress Alliance: राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमाई हुई है। नेताओं के दल बदलने के साथ ही पार्टियों के गठबंधन का दौर जारी है। जैसे-जैसे तारीखें नजदीक आ रही हैं चुनावी संग्राम तेज होता जा रहा है। राजस्थान में नागौर की लोकसभा सीट बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही प्रमुख मानी जा रही है।
अब खबर आ रही है कि हनुमान बेनीवाल और कांग्रेस के बीच नागौर सीट के लिए लगभग गठबंधन तय हो गया है। आज यानी शनिवार को गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो ज्योति मिर्धा के सामने बेनीवाल चुनाव लड़ सकते हैं।
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दो धड़ों में बटी आरएलपी और नेता
लोकसभा चुनाव के आते-आते हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) दो धड़ों में बट गई है। पहले ज्योति मिर्धा ने बीजेपी ज्वाइन किया और फिर उम्मेदाराम बेनीवाल ने। अब खबर आ रही है कि हनुमान बेनीवाल, कांग्रेस के साथ गठबंधन करने जा रहे हैं। कांग्रेस और आरएलपी के गठबंधन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या बेनीवाल नागौर को फतेह कर पाएंगे।
क्या बेनीवाल के कांग्रेस से गठबंधन करने पर बाड़मेर-जोधपुर और बीकानेर में कांग्रेस का फायदा होगा? या फिर आएलपी और कांग्रेस के गठबंधन से नागौर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश में कमी आएगी। क्या कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अलग-अलग खेमों मे बट जाएंगे? प्रदेश के कई बड़े नेता कांग्रेस और आएलपी के गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं तो कई बेनीवाल के साथ खड़े हैं।
RLP से गठबंधन के पक्ष में गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मानना है कि कांग्रेस को आरएलपी से गठबंधन का फायदा होगा। यहां विधानसभा चुनाव में आरएलपी के कई नेता दूसरे और तीसरे नंबर रहे थे। वहीं नागौर लोकसभा सीट पर हनुमान बेनीवाल की अच्छी पकड़ है। इसका फायदा कांग्रेस को मारवाड़ अंचल सहित अन्य लोकसभा क्षेत्र में मिलेगा। वहीं कुछ लोग आरएलपी से कांग्रेस के गठबंधन से सहमत नहीं है। दरअसल, कुछ नेताओं का कहना है कि कांग्रेस बिना आरएलपी से गठबंधन के ही जीत सकती है।
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