Weather Update: प्रदेश में इस मानसून में लगातार होती बारिश पिछले 50 सालों का रिपोर्ट तोड़ रही है मौसम विभाग की ताजा जानकारी के अनुसार इस बार मानसून में अब तक लगभग 670.5MM बारिश दर्ज हो चुकी है जो कि पिछले 50 सालो में सबसे अधिक है. साथी प्रदेश में इस मानसून में लगभग 28 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं इसके बाद उनके गेट खोले जा रहे हैं.
पिछले 50 सालों का टूटा रिकॉर्ड
मौसम विभाग के बारिश के आंकड़े सामने आने के अनुसार प्रदेश में पिछले 50 साल का रिकॉर्ड टूटा है राजस्थान में अब तक लगभग 670.5MM बारिश हो चुकी है. और लगभग 15 दिन और मानसून रहने के आसार है इसके बाद यह आंकड़ा और भी ऊपर जाएगा. जो यह बरसा रहा है कि पिछले 50 साल पहले ऐसी बारिश हुई थी.
3-4 दिन सक्रिय रहेगा मानसून
मौसम विभाग ने बताया कि पूर्वी राजस्थान के अधिकांश भागों में अगले 3-4 दिन सक्रिय मानसून रहने व तेज बारिश होने की संभावना है. भरतपुर, कोटा, जयपुर और अजमेर संभाग में कहीं-कहीं भारी, अतिभारी बारिश का दौर 14-17 सितंबर को भी जारी रहेगा. इसके अलावा राजस्थान में 14-15 सितंबर से भारी बारिश की गतिविधियों में कमी होने और कुछ इलाकों में हल्के से माध्यम बारिश होने की संभावना है.
कई क्षेत्रों में जारी किया येलो अलर्ट
मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार प्रदेश के कई क्षेत्रों में यह लॉरेंट जारी किया है जहां पर मध्यम बारिश होने की संभावना बताई जा रही है इन क्षेत्रों में प्रदेश के लगभग आधा दर्जन जिले हैं जिनमें सीकर, झुंझुनूं जिले हैं जहां पर यह येलो अलर्ट जारी किया गया है.
14 से 17 सितंबर हल्की मध्यम बारिश की संभावना
आगामी मौसमी स्थितियों की बात करें तो मध्य प्रदेश के ऊपर बना डिप्रेशन गुरुवार से दक्षिण-पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर पहुंच गया है. इसके चलते अगले 24 घंटे में इसके उत्तर (एनएनई) की ओर बढ़ने और कमजोर होकर वेलमार्क लो प्रेशर (डब्ल्यूएमएल) बनने की संभावना है. इसके प्रभाव से अगले 24 घंटे में भरतपुर, जयपुर और कोटा संभाग के कुछ हिस्सों में मेघगर्जन के साथ भारी, बहुत भारी बारिश और अजमेर, उदयपुर संभाग के कुछ हिस्सों में हल्की मध्यम बारिश होने की संभावना है. साथ ही 14 से 17 सितंबर के दौरान छिटपुट स्थानों पर हल्की मध्यम बारिश की संभावना है. इसके अलावा आगामी दिनों में पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहने और केवल छिटपुट स्थानों पर हल्की मध्यम बारिश की संभावना है.