दिवाली पर इस बार इन दो जिलो में नहीं होगी आतिशबाजी,पूर्ण रूप से पाबंदी ,बाकी जिलों में दो घंटे होगी आतिशबाजी

इस बार भी दिवाली पर न आतिशबाजी की दुकानें लगेंगी और न पटाखे चलाए जाएंगे इस बार भी दिवाली पर न आतिशबाजी की दुकानें लगेंगी…

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इस बार भी दिवाली पर न आतिशबाजी की दुकानें लगेंगी और न पटाखे चलाए जाएंगे

इस बार भी दिवाली पर न आतिशबाजी की दुकानें लगेंगी और न पटाखे चलाए जाएंगे।अलवर और भरतपुर में दिवाली के अवसर पर पटाखों और आतिशबाजी की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। प्रशासन ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए कड़ी तैयारियां कर ली हैं। नियमों के अनुसार, किसी भी प्रकार की आतिशबाजी की दुकानें नहीं लगाई जाएंगी और पटाखे चलाना भी पूरी तरह से वर्जित होगा।यदि कोई व्यक्ति या दुकानदार आतिशबाजी बेचते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संदेह या शिकायत के आधार पर प्रशासन दुकानों और गोदामों पर छापेमारी अभियान चला सकता है।

अलवर व भरतपुर में रोक रहेगी
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में अलवर व भरतपुर जिले आते हैं। ऐसे में वायु गुणवत्ता सूचकांक में वृद्धि न हो, इसके लिए ग्रेप लागू किया जाता है। इस समय भी यही ग्रेप आतिशबाजी के लिए शुरू हो गया। राजस्थान के इन दो जिलों को छोड़कर बाकी जिलों में आतिशबाजी रात आठ बजे से 10 बजे तक दो ही घंटे हो पाएगी। ग्रीन आतिशबाजी की दूसरे जिलों में अनुमति दी गई।

ये रहा था पिछला रिकॉर्ड
पिछले साल दिवाली 10 नवंबर की थी। 8 नवंबर को ही अलवर में एक्यूआई 226 पहुंच गया था, जबकि यहां आतिशबाजी पर रोक थी। दिवाली के बाद 15 नवंबर तक एक्यूआई 215 रहा। इसी तरह 8 नवंबर को भिवाड़ी में एक्यूआई 368 पहुंच गया था और दिवाली के बाद 15 नवंबर को 373 हो गया।
इस समय अलवर का एक्यूआई हर दिन बढ़ रहा है। इस समय 70 एक्यूआई है। जानकारों का कहना है कि 20 अक्टूबर के बाद अलवर का एक्यूआई 125 तक पहुंच सकता है। दिवाली के आसपास 200 रहने की संभावना है। यह एक्यूआई रहने पर हवा जहरीली हो जाती है। सांस लेना मुश्किल होता है।

उल्लंघन करने वालों के खिलाफ होगे सख्त कदम
ग्रीन पटाखों की बिक्री और उपयोग को बाकी जिलों में अनुमति दी गई है, ताकि पर्यावरणीय क्षति को कम किया जा सके। एडीएम सिटी बीना महावर ने बताया कि एनसीआर के तहत आने वाले जिलों में किसी भी प्रकार की आतिशबाजी पर रोक रहेगी, और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।