Rajasthan Politics: राजस्थान की बांसवाड़ा-डूंगरपुर संसदीय सीट और बागीदौरा उपचुनाव कांग्रेस के लिए गले की फांस बन गया है। पहले जहां नामांकन दाखिल करने के अंतिम समय में प्रत्याशियों की घोषणा की गई। अंतिम समय में कांग्रेस ने भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के साथ गठबंधन कर लिया। लेकिन नामांकन वापिस लेने के दिन कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी नोट रिचबल हो गए। अब वह कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी तकनीकी रूप से चुनावी मैदान में है और वोट मांग रहे हैं। जिसके चलते कांग्रेस पार्टी ने दोनों प्रत्याशियों को पार्टी से निष्काषित कर दिया।
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भाजपा को मिलेगा सीधा फायदा
कांग्रेस प्रत्याशियों और पार्टी के बीच चल रही कांग्रेस की अंर्तकलह का सीधा फायदा भाजपा को मिलता दिख रहा है। भाजपा भी कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापिस नहीं लेने का इंतजार कर रहा था। बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान और भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी समर्थन देने की घोषणा के बाद सोमवार को दिनभर जोरदार ड्रामा चला। नामांकन के वापिस लेने के आखिरी कांग्रेस के प्रत्याशी गायब रहने से यह हॉट सीट बन गई। हालांकि, सोमवार को देर शाम कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद डामोर ने पूरे मामले का खुलासा किया।
कांग्रेस की बढ़ी मुसीबतें
बांसवाड़ा-डूगरपुर लोकसभा चुनाव में बीएपी और कांग्रेस में गठबंधन हो चुका है और नामांकन वापसी के दिन अंतिम समय तक कांग्रेस प्रत्याशी अरिवंद डामोर और बागीदौरा विधानसभा उप चुनाव में कपूर सिंह ने नामांकन वापस नहीं लेकर कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा दी हैं। आलाकमान के आदेश की अवहेलना करने पर डामोर और कपूर सिंह को 6 साल के लिए निष्काषित तो कर दिया, लेकिन उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वह कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे।
‘कमान से निकला तीर’
दिनभर गायब रहने के बार जब रात डामोर घर लौटे तो कांग्रेस नेताओं पर जमकर बरसते हुए कहा कि अब तीर कमान से निकल चुका है और कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लडूंगा। डामोर ने कहा कि जब नामांकन वापिस ही लेना तो पहले भराया ही क्यों था। मैं सोमवार को चौरासी और सागवाड़ा विधानसभा में दौरे पर इसलिए फोन नहीं लग पाया।
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