Lok Sabha Election 2024: जयपुर। दौसा लोकसभा सीट कांग्रेस और बीजेपी के दिग्गजों की साख दांव पर लगी है। एक तरफ सचिन पायलट तो दूसरी तरफ डॉ. किरोड़ी लाल मीणा दमखम दिखा रहे हैं। बीजेपी ने कहैन्यालाल मीणा और कांग्रेस मुरारी लाल मीणा को चुनावी मैदान में उतार रखा है। पिछले दो लोकसभा चुनाव से इस सीट पर भाजपा का दबादबा है।
2 बार से लगातार भाजपा का दबदबा
दौसा लोकसभा सीट पर पिछले 2 साल से भाजपा का दबदबा रहा है। इस बार मुरारी लाल मीणा मैदान में जो सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं। उधर , कन्हैयालाल मीणा मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ रहे हैं, जो बस्सी से निर्दलीय तो कभी भाजपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। हालांकि पिछले तीन चुनाव हारे भी हैं।
यह खबर भी पढ़ें:-‘ये देश चंद लोगों की जागीर नहीं…’ सोनिया बोलीं- लोकतंत्र की मर्यादा का हो रहा है चीरहरण
यहां 4 चेहरे प्रभावी
पीएम मोदी का आगामी कार्यक्रम है, इनकी सभा से कन्हैयालाल की पार पड़ने की उम्मीद है। उधर, डॉ. किरोड़ीलाल मीणा इस सीट पर असरदार हैं। वहीं, कांग्रेस के पक्ष में सचिन पायलट के अलावा पूर्व सीएम अशोक गहलोत का चेहरा प्रचार के रूप में ज्यादा असरदार है।
मुरारी मीणा बड़ा चेहरा, लेकिन भाजपा मजबूत
कांग्रेस प्रत्याशी मुरारीलाल मीणा दौसा में बड़ा चेहरा हैं, लेकिन समीकरण भाजपा के मजबूत हैं। लोतकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें हैं, इनमें 2023 में पांच सीटें भाजपा ने जीती जबकि तीन पर कांग्रेस विजयी रही थी।
प्रत्याशियों में समानताएं
-दोनों ही एक ही समाज से आते है।
-3 से 4 बार के विधायक रहने का अनुभव।
-दोनों ही वरिष्ठ व मजबूत चेहरे माने जाते हैं।
कन्हैयालाल मीणा
मजबूत पक्ष : बस्सी से विधायक रह चुके। ऐसे में बस्सी-चाकसू क्षेत्र में पकड़ और संपर्क ठीक है। शेष सीटों पर भाजपा का कोर संगठन मजबूती देगा और पीएम की सभा हवा बनाने का काम करेगी।
कमजोर पक्ष : पिछले तीन चुनाव हारे। खुद के समाज सहित अन्य को एकजुट करके भाजपा के पक्ष में खड़ा रखने में मुश्किल हो रही है।
मुरारीलाल मीणा
मजबूत पक्ष : दौसा, बांदीकुई आदि जगहों पर प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इसके अलावा सिकराय से लेकर लालसोट तक अच्छी पकड़ मानी जाती है।
कमजोर पक्ष: सियासी तौर पर हवा के रूख से पार पाने के लिए समय कम है और भाजपा की वर्किंग का तोड़ नहीं निकाल पा रहे हैं। पीएम की सभा होने के बाद इस सीट पर भाजपा के पक्ष में माहौल बनेगा।
पिछले लोकसभा चुनाव का परिणाम
2009, विजेता-निर्दलीय
2014, भाजपा-एनपीपी
2019, भाजपा-कांग्रेस
यह खबर भी पढ़ें:-‘मुस्लिम लीग के विचारों को थोपना चाहती है कांग्रेस…’ PM बोले- घोषणापत्र में देश के टुकड़े करने की बू आ रही
विधानसभा चुनाव-2023 का रिजल्ट
बस्सी, कांग्रेस-6314
चाकसू, भाजपा-49380
थानागाजी, कांग्रेस-1939
बांदीकुई, भाजपा-12380
महुवा, भाजपा-7917
सिकराय, भाजपा-9428
दौसा, कांग्रेस-31204
लालसोट, भाजपा-47068