नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी एक बार फिर भारत में सुर्खियों में है जहां उन्होंने हाल में केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. डॉर्सी ने एक वीडियो इंटरव्यू में दावा किया कि 2021 में दिल्ली में चल रहे कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को लेकर सरकार की आलोचना करने वाले कई ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने के उन्हें निर्देश मिले थे.
डोर्सी ने आरोप लगाया कि भारत सरकार की तरफ से उनपर दबाव बनाया गया और ऐसा नहीं करने पर भारत में ट्विटर को बंद तक करने की धमकी दी गई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की ओर से ट्विटर इंडिया के दफ्तर पर छापेमारी और उसके कर्मचारियों को गिरफ्तार करने तक का भी कहा गया.
हालांकि डॉर्सी के दावों को केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने खारिज किया करते हुए कहा है कि Twitter और उनकी टीम लगातार भारत में सरकार के कानूनों को तोड़ रही थी. चंद्रशेखर के मुताबिक 2020 से लेकर 2022 तक ट्विटर ने कितनी ही बार नियमों का उल्लंघन किया था क्योंकि डॉर्सी की कंपनी ट्विटर को भारत के कानूनों को मानने में असहजता हो रही थी. मालूम हो कि डॉर्सी ने 2021 में ट्विटर के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद ट्विटर को एलन मस्क ने खरीदा था.
कई अकाउंट बंद करने का मिला आदेश
दरअसल एक यूट्यूब चैनल Breaking Points के साथ हाल में जैक डोर्सी ने एक इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने भारत की तरफ से मिले आदेश का जिक्र किया. वहीं इस इंटरव्यू के दौरान जैक डोर्सी से पूछा गया कि क्या उनको पिछले कुछ सालों में किसी विदेशी सरकार की ओर से दबाव का सामना करना पड़ा?
इस सवाल के जवाब में डोर्सी ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान भारत से उनके पास ऐसी कई रिक्वेस्ट आई जिसमें किसान आंदोलन के दौरान उन अकाउंट के बारे में बताया गया था जो उस समय सरकार के खिलाफ लिख रहे थे. वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि हमें कहा गया कि अगर ट्विटर ऐसे काम नहीं करेगा तो ट्विटर को भारत में बंद भी कर दिया जाएगा और भारत में उनके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारे जाएंगे.
सरकार ने दिया आरोपों पर जवाब
वहीं डोर्सी के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डॉर्सी के दावे सरासर गलत हैं और उनके रहते हुए ट्विटर लगातार भारत सरकार के नियमों को तोड़ रहा था. चंद्रशेखर ने कहा कि ट्विटर को लगता था कि भारतीय कानूनों को मानना कोई जरूरी नहीं है. मंत्री ने साफ किया कि भारत सरकार हर विदेशी कंपनी के लिए नियम बनाती है और उनका हर किसी को पालन करना होगा.