Rajasthan Politics : जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav) के दौरान जनसभाओं में बीजेपी नेता 25 में से 25 सीटें जीतने के हुंकार भरते रहे, लेकिन रिजल्ट सामने आने के बाद बीजेपी के दिग्गज नेताओं के सिर 11 सीटें हारने का ठीकरा फोड़ा गया। राजस्थान में लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बार बीजेपी नेताओं का आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
कुछ नेताओं के बीच की कलह खुलकर जनता के सामने आ रही है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ (Rajendra Rathore) ने वंसुधरा राजे (Vasundhara Raje) के समर्थक और 7 बार के विधायक देवी सिंह भाटी (Devi Singh Bhati) को निशाने पर लिया है। राठौड़ ने कहा कि देवी सिंह पार्टी में नए-नए आए हैं और एकाएक उनका ज्ञान बढ़ गया है।
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राहुल कस्वां टिकट काटना गलत था
देवी सिंह भाटी ने चूरू से राहुल कस्वां का टिकट कटवाने को लेकर राजेंद्र राठौड़ को घेरा था। भाटी ने कहा था कि जिस प्रकार राहुल कस्वां का टिकट कटवाया गया वह गलता था। उन्होंने कहा कि कस्वां का जनसंपर्क अच्छा था और उनका टिकट कटवाने से राजस्थान का जाट समाज एकजुट नहीं रहा। इससे भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ। राठौड़ ने भाटी पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा ने कस्वां को 14 बार लोस, विस, जिला प्रमुख और प्रधान का टिकट दिया। इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला तो वे राहुल गांधी की गोद में जाकर बैठ गए, जिसे वे खुद राहुल बाबा बोलते थे।
राठौड़ के सिर फोड़ा हार ठीकरा
देवी सिंह भाटी मारवाड़ के दिग्गज नेता माने जाते हैं और उनके आरोपों पर राठौड़ ने पलटवार किया है। दरअसल, देवी सिंह भाटी ने लोकसभा में बीजेपी की हार का ठीकरा सीधे-सीधे राठौड़ के सिर फोड़ा था। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि राजस्थान में राजेंद्र राठौड़ के कारण भाजपा को लोकसभा में हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने चुनाव का पूरा माहौल ही खराब कर दिया।
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राठौड़ का भाटी को जवाब
राठौड़ ने भाटी पर पलटवार करते हुए कहा कि टिकट देना, नहीं देना संसदीय बोर्ड तय करता है। चाहे राहुल कस्वां हो या कोई और। कस्वां इतने बड़े नेता नहीं है कि उनका टिकट कटने से बीजेपी की लोकसभा में 5 सीटें प्रभावित हों। बता दें कि देवी सिंह भाटी वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाते हैं।