Ajmer News: राजस्थान के ब्यावर जिले के देवमाली गांव को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर केन्द्र सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव पुरूस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार ब्यावर के तत्कालीन कलेक्टर उत्सव कौशल और देवमाली गांव की सरपंच पूजा गुर्जर ने ग्रहण किया.
ट्यूरिस्ट विलेज घोषित होने से बढ़ेगा पर्यटन
भारत सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय की ओर से हाल ही में देवमाली गांव को ट्यूरिस्ट विलेज घोषित किया है. अब संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय की ओर से देवमाली की संस्कृति से रू-ब-रू कराने की योजना तैयार की जा रही है.
क्या है देवमाली गांव की खासियत
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में किसी के नाम पर भी इस गांव की जमीन नहीं है. 3000 बीघे में बसे इस गांव के लोग ऐसा मानते हैं कि गांव की सारी जमीन उनके ईष्ट देव भगवान देवनारायण की है और इस पर उनका कोई अधिकार नहीं है. यहां के लोग बड़ी सख्ती से अपनी संस्कृति का पालन करते हैं और अपनी परंपराओं से काफी जुड़े हुए हैं.
देवनारायण भगवान की भूमि कहलाता है देवमाली
राजस्थान के अजमेर से सटे ब्यावर जिले में स्थित देवमाली देवनारायण भगवान की भूमि कहलाता है, इस गांव की संस्कृति और यहां का जनजीवन ही इसे यह पुरस्कार दिलाने में मददगार साबित हुआ.