राजस्थान यूनिवर्सिटी के विधि महाविद्यालय के एक आदेश पर स्टूडेंट्स ने हंगामा खड़ा कर दिया। दरअसल विधि महाविद्यालय के प्राचार्य ने आदेश जारी कर 31 मई तक यूजी की परीक्षाओं के कारण कक्षाओं के स्थगन के आदेश जारी कर दिया था। स्टूडेंट्स ने शुक्रवार का कुलपति को ज्ञापन सौंपकर आदेश का विरोध किया है। स्टूडेंट्स का कहना है कि अभी तक 50 प्रतिशत भी कोर्स पूरा नहीं हुआ और ढाई महीने की छुट्टी कर दी, ऐसे में कोर्स कैसे पूरा हो पाएगा। गौरतलब है कि विधि महाविद्यालय की परीक्षाएं भी जून महीने में आयोजित होनी प्रस्तावित हैं। ऐसे में विद्यार्थी 50 प्रतिशत सिलेबस पढ़कर परीक्षा कैसे दे पाएंगे? इसके अलावा कल्चरल प्रोग्राम में अभी कॉलेज स्तर पर एक मूट कोर्ट होना भी बाकी है।
सत्र में 180 कक्षाएं अनिवार्य
विधि कॉलेज के लिए एक सत्र में बीसीआई की गाइडलाइंस के अनुसार न्यूनतम 180 क्लासेज होना अनिवार्य है, जबकि विधि महाविद्यालय में अभी लगभग 90-100 कक्षाएं ही लगी है। पूर्ण कक्षाएं नहीं लगने से स्टूडेंट्स को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा। इससे पहले भी सीए की परीक्षा का केंद्र विधि महाविद्यालय को बनाया गया था, तब भी महाविद्यालय में शिक्षण कार्य 6 दिसंबर से लेकर 16 दिसंबर तक बंद रखा था। ऐसे में महाविद्यालय और विश्वविद्यालय प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है।
परीक्षा नियंत्रक की गलती, भुगतेंगे स्टूडेंट्स
विधि कॉलेज की प्रिंसिपल ने बताया कि सत्र पहले से ही लेट शुरू हुआ था। अक्टूबर से शुरू हुए सत्र में अभी तक 50 प्रतिशत से भी कम सिलेबस हो पाया है। पिछले 10 वर्षों में विधि कॉलेज में कभी मार्च महीने में आयोजित होने वाली परीक्षाओं का सेंटर नहीं बना है। 14 मार्च को अचानक से परीक्षा नियंत्रक ने पेपर पकड़ाते हुए सेंटर की सूचना दी। सेंटर की वजह से स्टूडेंट्स का अध्ययन कार्य बाधित हो रहा है। इसको लेकर कुलपति को पत्र लिख दिया है। परीक्षा नियंत्रक ने बिना जानकारी लिए ही सेंटर दे दिया, जिससे सारी समस्या खड़ी हुई है। प्रिंसिपल ने कहा कि परीक्षा नियंत्रक विभाग पर दबाव बना रहे और परीक्षा के साथ ही कक्षा का आयोजन करवाने की कह रहे है। नियंत्रक ने बिना जानकारी लिए ही सेंटर थोप दिए। कुलपति ने वार्ता कर 25 मार्च के बाद सेंटर बदलने का आश्वासन दिया है।
फैसला छात्र विरोधी
विधि महाविद्यालय में किसी दूसरे कॉलेज का सेंटर देकर महाविद्यालय की कक्षाएं स्थगित करने का फैसला छात्र विरोधी है। पूरे विश्वविद्यालय में विधि महाविद्यालय की कक्षाएं सबसे अंतिम में प्रारंभ हुई थी। अभी भी हमारा लगभग आधा सिलेबस ही हुआ है और जून के महीने में हमारी परीक्षाएं प्रस्तावित है। ऐसे में 50 प्रतिशत सिलेबस हम कहा से पढ़ेंगे। यदि जल्द ही हमारी कक्षाएं पुनः प्रारंभ नही की गई तो जल्द ही छात्र शक्ति द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।