नई दिल्ली। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने नोटिस जारी कर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए योग्यता मानदंड में बदलाव किया है। अब असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए NET/SET/SLET का एग्जाम क्वालीफाई करना होगा। इसके लिए NET/SET/SLET ये एग्जाम करने के साथ PhD की डिग्री होना अनिवार्य नहीं हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या पहले से PhD किए हुए उम्मीदवारों की डिग्री अब बेकार हो जाएगी। तो ऐसा नहीं जिन्होंने ने पहले Phd कर ली है उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भर्ती होने के लिए NET/SET/SLET ये एग्जाम पास करने की जरूरत नहीं है। यानी अब इन परीक्षाओं में क्वालिफाई होने वाले उम्मीदवार बगैर PhD किए ही सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकते हैं।
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असिटेंट प्रोफेसर बनने के लिए PhD नहीं अनिवार्य
नए नियम लागू होने से पहले तक असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए उम्मीदवारों को ‘PhD’ की अनिवार्यता लागू थी, जिसके चलते NET. क्वालिफाइड या JRF पाने वाले कैंडिडेट्स को मजबूरन PhD में दाखिला लेना पड़ता था। मगर अब नया नियम लागू होने के बाद PhD की उपयोगिता को लेकर स्टूडेंट्स परेशान हैं।
UGC ने 06 जुलाई को जारी डिटेल्ड नोटिफिकेशन में यह स्पष्ट किया है कि अब असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए कैंडिडेट्स के पास इन 2 में से 1 योग्यता होनी जरूरी है। पहली यह कि मास्टर्स डिग्री धारक उम्मीदवार NET/SET/SLET का एग्जाम क्वालिफाई करें। दूसरी यह कि कैंडिडेट के पास PhD की डिग्री हो।
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PhD की डिग्री नहीं होगी बेकार
इसका सीधा सा अर्थ ये है जिन उम्मीदवारों के पास PhD की डिग्री है, उन्हें NET/SET/SLET एग्जाम क्लियर करने की जरूरत नहीं है। ऐसे कैंडिडेट्स सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। ऐसे में जो उम्मीदवार PhD कर रहे हैं या कर चुके हैं, उनकी डिग्री बेकार नहीं होगी, बल्कि वह UGC NET क्लियर करने वाले कैंडिडेट्स के बराबर योग्यता रखेंगे। UGC का नया नियम 01 जुलाई 2023 से लागू हो गया है।