घर में रोशनी करने के लिए हम कई तरह की लाइट्स का उपयोग करते हैं। लेकिन एक जमाना था जब रोशनी करने के लिए दिये और लालटेन काम में लिए जाते थे। इनसे रोशनी तो होती थी मगर बहुत कम, इसलिए ऐसे उपकरण की आवश्यकता थी जिससे पूरे घर में उजाला हो सके। इसलिए अमेरिका के एक महान वैज्ञानिक ने बल्ब का आविष्कार किया। हालांकि इसका आविष्कार करना इतना आसान नहीं था। कम ही लोग जानते हैं कि इसे बनाने से पहले आविष्कारक हजार बार असफल हुआ था।
बात यहीं खत्म नहीं होती जिस महान वैज्ञानिक ने बल्ब बनाया, उसे स्कूल से मंदबुद्धि कहकर निकाल दिया गया था। ऐसे शख्स ने दुनिया के लिए यह अद्भुत आविष्कार किया, जिसे आज विश्वभर में काम में लिया जाता है। इस वैज्ञानिक ने न सिर्फ बल्ब बनाया बल्कि ऐसे हजारों आविष्कार किए जिसे लोगों ने खूब सराहा। यह कहानी दिलचस्प होने के साथ-साथ प्रेरक भी है। जिसके बारे में विस्तार से जानेंगे आज के कॉर्नर में…
आसान नहीं थी वैज्ञानिक की जिंदगी
बल्ब बनाना जितना मुश्किल था उतनी ही कठिन जिंदगी महान अमेरिकी वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन की थी। जिन्होंने बल्ब का आविष्कार किया। ये वो शख्स थे जिन्हें स्कूल के शिक्षक ने यह कहकर निकाल दिया था कि आपका बच्चा मंदबुद्धि है, इसलिए उसे स्कूल न भेजें। लेकिन उनकी मां ने उनसे यह बात छिपाई। इसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई घर पर ही की और बाद में वे महान वैज्ञानिक बने।
बल्ब को बनाने में थॉमस अल्वा एडिसन हजार बार असफल हुए। इसके लिए उन्होंने करीब दो हजार अलग-अलग सामानों का उपयोग किया, जिसमें 40 हजार डॉलर का खर्च आया। आखिरकार कड़ी मेहनत के बाद 27 जनवरी 1880 को उन्होंने बल्ब का पेटेंट करवा लिया। इसके बाद उन्होंने कार्बन थ्रेड फिलामेंट भी बनाया जो कि 40 घंटे से अधिक समय तक काम कर सकती थी। इसके अलावा एडिसन ने अपने आविष्कारों के 1,093 पेटेंट करवाए थे।
बल्ब के बारे में
बल्ब को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। जैसे- तापदीप्त लैम्प, इन्कैंडिसेंट लैम्प तथा शीशबत्ती। इसके भीतर तापदीप्ति के द्वारा प्रकाश उत्पन्न होता है। इसमें एक पतला फिलामेन्ट लगा होता है, जिसे तार कहते हैं। जब इसके अंदर से धारा बहती है तो गर्म होने के बाद यह रोशनी करने लगता है। तार को बल्ब के भीतर इसलिए लगाया जाता है ताकि इसके अंदर वायुमण्डलीय आक्सीजन नहीं पहुंचे। बल्ब के अंदर कम दबाव अक्रिय गैस जैसे- आर्गन, नाइट्रोजन, क्रिप्टन, क्सीनन होती है। इसके अलावा टंगस्टन के तार, संपर्क तार, स्टेम और इन्सुलेशन भी लगे होते हैं।
इस आविष्कार में लगे डेढ़ साल
थॉमस अल्वा एडीसन ने बल्ब का आविष्कार किया था। वे उस समय के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे। बल्ब को बनाने में उन्हें लगभग डेढ़ साल का समय लग गया था। जो कि पूरे 13 घंटे से भी अधिक समय तक जला था। इसके अलावा उन्होंने ग्रामोफोन, एल्कलाइन स्टोरेज बैटरी, मोशन पिक्चर कैमरा और कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर सहित एक हजार से अधिक आविष्कार किए।
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