जयपुर। सफलता हासिल करने के लिए जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी है। विद्यार्थी यदि शुरुआत से ही अनुशासन की पालना करेगा तो जीवन में कभी डिप्रेशन जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। विद्यार्थियों के कॅरियर और परीक्षाओं में आने वाली समस्याओं को लेकर सच बेधड़क से खास बातचीत की मोटिवेशनल स्पीकर और युवा शिक्षाविद् नरेंद्र सिंह रावत ने…
नरेंद्र सिंह रावत को 2022 में प्रेसिडेंट ऑफ मॉरिशस ने एजुकेशन एंटरप्रेन्योर अवाॅर्ड से नवाजा था। वहीं वर्ष 2022 में एजुकेशन एक्सीलेंस अवाॅर्ड सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। रावत समर्पण संस्था के एजुकेशन ब्रांड एम्बेसेडर भी हैं। इन्हें अभिनेत्री मल्लिका शेरावत के हाथों इंडो इंटरनेशनल अचीवर अवाॅर्ड में मिला है। वर्ष 2021 में राज्यपाल कलराज मिश्र ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यकरने पर सम्मानित किया।
इसलिए इसकी सफलता पर संशय का तो कोई सवाल ही नहीं है। अब इस नीति को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए। नई शिक्षा नीति से पुराना ढर्राछूटेगा और विदेशों से भारत की शिक्षा और बेहतर होगी। नई शिक्षा नीति भारतीय संस्कारों व संस्कृति से जुड़ी है। ऐसे में भारत की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के बेहतर अवसर मिलेंगे।
नई शिक्षा नीति किस प्रकार कारगर होगी?
रावत – नई शिक्षा नीति काे लेकर मेरा मानना है कि यह एजुकेशन सिस्टम को बेहतर बनाएगी, क्योंकि इसे विशेषज्ञों ने तैयार किया है। इसलिए इसकी सफलता पर संशय का तो कोई सवाल ही नहीं है। अब इस नीति को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए। नई शिक्षा नीति से पुराना ढर्राछूटेगा और विदेशों से भारत की शिक्षा और बेहतर होगी। नई शिक्षा नीति भारतीय संस्कारों व संस्कृति से जुड़ी है। ऐसे में भारत की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के बेहतर अवसर मिलेंगे।
10वीं के बाद विद्यार्थी विषय का चयन किस प्रकार करें?
रावत – विद्यार्थियों को विषय का चयन अपनी परसेंटेज के अनुसार न कर रुचि और काबिलियत के अनुसार करना चाहिए। रिजल्ट से पहले ही विषय का चुनाव कर लें। जमाना बदल गया है, अब विद्यार्थियों को सारी जानकारी होती है। बच्चों को माता-पिता और गुरुजन से वार्ता कर अपने बेहतर भविष्य के लिए रुचि अनुसार विषय चयन करना चाहिए।
युवा आज के समय में अपराधियों का अनुसरण कर रहे हैं, उन्हें क्या संदेश देंगे?
रावत – भारत युवाओं का देश है और युवा ही देश को बदल सकता है, लेकिन वेस्टर्न कल्चर को अपनाने के कारण युवा पीढ़ी में नशे का टशन है। मेरा मानना है कि युवाओं को हमारे देश की संस्कृति को याद रखते हुए अपने देश की पहचान का ध्यान रखना जरूरी है। युवाओं को राजनीतिक और अन्य भ्रामक प्रचार में न आकर नशे और आपराधिक प्रवृति के लोगों से दूर रहना चाहिए और अपने देश और कॅरियर पर फोकस करना चाहिए। आजादी के नाम पर युवा गलत दिशा में जा रहा है।
युवाओं को अपना भविष्य कैसे सुरक्षित करना है?
रावत – भारत का संविधान सबको स्वतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी देता है। हर व्यक्ति को मर्यादा और सम्मान के साथ आजादी का उपयोग करना चाहिए। युवाओं को संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का और उनके पद की गरिमा का ध्यान रखते हुए अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का प्रयोग करना चाहिए। आजादी के नाम पर युवाओं को उलूल-जुलूल टिप्पणियों से बचना चाहिए।
वर्तमान में एआई और सोशल मीडिया का जमाना विद्यार्थियों का भटकाव केंद्र बन रहा है। इसका सही इस्तेमाल कैसे किया जाए?
रावत – पिछले दशक में इंटरनेट का प्रचार-प्रसार देश में ज्यादा हुआ है। ऐसे में युवा इसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। युवा सोशल मीडिया पर ज्यादा व्यस्त हो रहा है, लेकिन युवाओं को इनका इस्तेमाल अच्छे आउटपुट के लिए करना चाहिए। युवा केवल रील्स बनाने में समय बर्बाद न करें, जिससे आपका कॅरियर खत्म हो।
वर्तमान में युवा किस विषय और कोर्स का चयन करें, जिससे बेहतर भविष्य बन सके?
रावत – प्रदेश में कई यूनिवर्सिटीज और कॉलेजेज में कई कोर्स चल रहे हैं। युवाओं को क्रेज के अनुसार अपने विषय का चयन कर न अपनी रुचि और कार्यक्षमता के अनुसार चयन करना चाहिए। जिस क्षेत्र में बूम चल रहा हो, उस क्षेत्र में कॅरियर बनाने से युवाओं को बचना चाहिए। युवा आईटी का ध्यान रखते हुए शिक्षा के साथ खेलों में भी भविष्य देख सकते हैं। हर जगह विद्यार्थियों में अनुशासन बहुत ही जरूरी है।