What is Insomnia: इस संसार में लोगों को कई तरह की परेशानियां होती है। बहुत कम लोग होते हैं जो सामान्य जीवन बिता पाते हैं। लेकिन कुछ लोग कई प्रकार के डिसऑर्डर से जुझते रहते हैं। माइग्रेन, मूड डिसऑर्डर, एंग्जायटी डिसऑर्डर, ईटिंग डिसऑर्डर, एडीएचडी, पीटीएसडी, पर्सनालिटी डिसऑर्डर, सब्सटांस यूज डिसऑर्डर तथा साइकोटिक डिसऑर्डर इसके विभिन्न प्रकार हैं। इनसॉम्निया भी एक प्रकार का डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति को नींद की समस्या रहती है। इसे अनिद्रा भी कहा जाता है।
आमतौर पर कुछ लोग किन्ही कारणों से कभी-कभी पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य पर गलत असर होता है और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती है। लेकिन अगर यह समस्या रोजाना हो तो समझ जाएं कि वह व्यक्ति इनसॉम्निया डिसऑर्डर ग्रस्त है। इस समस्या के क्या कारण है, क्या उपचार हैं तथा यह कितने प्रकार का होता है, यही सब विस्तार से जानेंगे आज के कॉर्नर में…
क्या होता है इनसॉम्निया
दरअसल इस डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों को नींद की समस्या बनी रहती है। इसे अनिद्रा या उन्निद्र रोग कहते हैं। इसमें रोगी को पर्याप्त नींद नहीं आती या बीच-बीच में नींद टूटती रहती है यानी अटूट नींद नहीं आती है। इसका सीधा प्रभाव व्यक्ति की सेहत पर पड़ता है और वह तनावग्रस्त रहने लगता है। ऐसे में यह जरूरी है कि इस समस्या से जल्द निजात पाया जाए, तथा इसके उपचार खोजे जाएं। एक व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद की जरूरत होती है।
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आजकल की जीवनशैली के चलते लोग कई ऐसे रोगों से घिर जाते हैं जो लोगों के लिए बड़ी समस्या बन जाती हैं। हमारे आस-पास मौजूद कई लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। इस बीमारी को अंग्रेजी में इंसोम्निया कहा जाता है। यह एक प्रकार का नींद से संबंधित विकार है, जिसमें व्यक्ति को सोने में असुविधा, नींद की कमी या नींद पूरी नहीं हो पाने की समस्या बनी रहती है।
इनसॉम्निया के प्रकार
इनसॉम्निया दो प्रकार का होता है- एक्यूट इंसोमनिया तथा क्रॉनिक इंसोमनिया। एक्यूट इंसोमनिया अल्प समय के लिए होता है। जिसमें रोगी को कुछ दिनों या हफ्तों के लिए नींद नहीं आती है। यह समस्या अत्यधिक काम के दवाब, पारिवारिक चिंता या कोई घटना के कारण होती है। जबकि क्रॉनिक इंसोमनिया लंबे समय तक चलने वाली गंभीर बीमारी है। जिसमें व्यक्ति को कई महीनों या सालों तक नींद की समस्या बनी रहती है। यह कैफीन, तंबाकू और अत्यधिक शराब के सेवन के कारण होता है। इससे छुटकारा पाने के लिए रोगी को नियमित व्यायाम करना चाहिए। समय पर सोना, शराब का सेवन न करना, देर रात केफीन का सेवन नहीं करना इसके उपचार हैं।
आनुवंशिकता भी है कारण
यह समस्या आनुवंशिकता के कारण भी हो सकती है। यानी कि अगर परिवार में किसी सदस्य को इंसोम्निया है तो बच्चों को भी यह समस्या हो सकती है। इसकी आशंका पुरुषों में 38 प्रतिशत तथा महिलाओं में 59 प्रतिशत होती है। इस के लिए एक जीनोम वाइड एसोसिएशन ने स्टडी की जिसमें करीब सात ऐसे जीनों की पहचान की जो अनिद्रा के लिए उत्तरदायी थे।