जयपुर। राजस्थान अधीनस्थ एंव मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड की ओर से तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा की शुरुआत शनिवार से शुरू हुई। पहले दिन ही पेपर लीक होने का हल्ला और सामूहिक नकल की अफवाह चलती रही। हालांकि पेपर शुरू होने से पहले ही शुक्रवार रात को अजमेर और भरतपुर में नेट बंद करने के आदेश जारी हो गए थे, लेकिन जोधपुर के बनाड़ थाना क्षेत्र में जैसे ही अभ्यर्थियों को पुलिस पेपर सॉल्व करते हुए पकड़ कर लेकर गई तो उदयपुर के बड़गांव और गीर्वा में, कोटा शहर और जयपुर, जोधपुर आयुक्तालय सहित अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक में नेटबंदी करने के आदेश आ गए।
हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने ही स्पष्ट किया कि कोई सामूहिक नकल और पेपर लीक के सबूत जोधपुर से हिरासत में लिए गए अभ्यर्थियों से नहीं मिले हैं, लेकिन फिर भी रविवार को भी सुबह 6 से शाम 6 बजे तक 12 घंटे के लिए नेट बंद रहेगा। पहलेदिन जयपुर में सबसे ज्यादा 12 डमी पुलिस ने पकड़े। इसमें से एक महिला खुद सरकारी अध्यापिका निकली। जो मूल अभ्यर्थी की जगह पेपर दे रही थी।
परीक्षा के दौरान प्रदेश में कई जगह डमी अभ्यर्थी भी पकड़े गए। सबसे ज्यादा 12 अभ्यर्थी जयपुर में पकड़े गए। एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश विश्नोई ने बताया कि सोडाला में सात, आमेर में दो, मुरलीपुरा में एक, चित्रकूट में एक और झोटवाड़ा में एक फर्जी अभ्यर्थी को पकड़ा है। मुरलीपुरा थाना पुलिस ने डमी अभ्यर्थी संगीता बिश्नोई को गिरफ्तार किया। जो खुद सरकारी टीचर है। परीक्षा केंद्र प्रिंस स्कूल सूर्य नगर मुरलीपुरा में यह मंजू बिश्नोई के स्थान पर परीक्षा दे रही थी। मंजू बिश्नोई चितलवाना जालौर की है।
वहीं डमी संगीता बिश्नोई निवासी रानीवाड़ा जालौर की रहने वाली है। इसके पास से फर्जी आधार कार्ड, प्रवेश पत्र बरामद किए गए। संगीता खुद प्रथम लेवल अध्यापक के पद पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय पुराना पांवर हाउस सांचौर जालौर में पदस्थापित हैं। संगीता ने अपने ननदोई भजनलाल बिश्नोई के कहने पर उसकी जानकार मंजू के स्थान पर डमी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा देना स्वीकार किया है। पूछताछ में बताया कि उसके ननदोई ने परीक्षा देने के लिए 10-15 लाख रुपए तक देने की बात तय की थी। वहीं झोटवाड़ा में महेंद्र सिंह (31) डुंगरवा जालौर को डमी अभ्यर्थी के रूप में ओमप्रकाश के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़ा है।
40 लाख में पेपर खरीदने का दावा
जोधपुर पुलिस उपायुक्त (पूर्व) अमृता दुहान के अनुसार गिरोह के सरगना की पहचान ओसियान तहसील के रैमालवाडा निवासी सुरेश थोरी के तौर पर की गई है। पुलिस ने दावा किया कि थोरी ने जालौर निवासी प्रवीण बिश्नोई से 40 लाख रुपए में प्रश्नपत्र खरीदे थे और 10 लाख रुपए का अग्रिम भुगतान किया था।
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जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें मैरिज हॉल का मालिक और प्रबंधक, कम्प्यूटर ऑपरेटर मुके श जोशी और तीन अन्य है। जिन्हें प्रश्नपत्र को हल करने की जिम्मेदारी दी गई थी। पुलिस ने धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के साथ-साथ परीक्षा अधिनियम की धारा-10(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। थोरी ने कथित तौर पर छात्रों को तीन से आठ लाख में प्रश्न पत्र देने का सौदा किया था।
जोधपुर में 37 लोगों को किया गिरफ्तार
परीक्षा के शुरू होते ही जोधपुर के बनाड़ रोड पर स्थित एक मैरिज गार्डन के कमरों में अभ्यर्थियों को सामूहिक प्रश्नपत्र हल करवाने के एक गिरोह को दबोचे जाने की जानकारी सामने आई। अलसुबह मैरिज गार्डन पर 3 कमरों में पेपर सॉल्व कर रहे 19 पुरुष व 10 महिला अभ्यर्थियों और 5 अन्य समेत कुल 34 लोगों को डिटेन कर पुलिस बनाड़ थाने ले गई। लेकिन कुछ देर बाद जोधपुर पुलिस ने स्पष्ट किया कि नकल गिरोह के पास मिले लैपटॉप के प्रश्न प्रश्नों में से एक भी प्रश्न वास्तविक पेपर में नहीं मिला।
पुलिस ने कहा कि अभ्यर्थियों से पैसे लेकर यह प्रश्न हल करवाए जा रहे थे। बनाड़ थाना इंचार्ज सीताराम खोजा ने बताया कि गार्डन में पेपर सॉल्व कर उनकी उत्तर कुंजी पढ़ाते हुए गिरोह के कुछ सदस्यों को पकड़ा था। आरोपियों के कब्जे से एक लैपटॉप, प्रिंटर व कुछ मोबाइल बरामद हुए। पुलिस ने बताया कि कुल 37 लोगों को गिरफ्तार किया।
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