हम में से अधिकतर लोगों को आलू की सब्जी खाना बहुत पसंद होता है। भारत में रहने वाले ज्यादातर लोगों की पसंदीदा सब्जी भी आलू है। आलू के बारे में कहा जाता है कि यह एक ऐसी सब्जी है जिसे किसी भी अन्य सब्जी के साथ मिलाकर बनाया जा सकता है। लेकिन इसमें अधिक चर्बी होने की वजह से अधिकतर लोग इसे खाने से परहेज करते हैं। वहीं स्वाद की बात करें तो इससे बनने वाले व्यंजन सभी लोगों को पसंद होते हैं।
इसमें कई उपयोगी गुण और तत्व जैसे विटामिन सी, बी कॉम्पलेक्स, आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज तथा फास्फोरस पाए जाते हैं। इसमें औषधीय तथा सौंदर्यवर्धक गुण भी मौजूद होते हैं। त्वचा के चल जाने पर भी यह उपयोगी है। बात करें इसके इतिहास की तो शुरूआत में इसे अमेरिका तथा यूरोप में ही उगाया जाता था। रूस में इसे शैतान का सेब कहा जाता था। वर्तमान में सबसे अधिक आलू चीन में पैदा होता है।
अमेरिका में हुआ पैदा
वनस्पति विज्ञान की दृष्टि से आलू एक प्रकार का तना है। बात करें इसके उद्गम स्थान की तो दक्षिण अमेरिका के पेरू में इसे सबसे पहले उगाया गया था। आलू को पूरी दुनिया में खाया जाता है। यह एकमात्र ऐसी सब्जी है जिसे आसानी से उगाया जा सकता है। इसे लगभग सभी देशों में उगाया जाता है। गेहूं, चावल तथा मक्का के बाद यह चौथी ऐसी फसल है जिसकी सबसे अधिक पैदावार होती है। विश्व में सबसे प्रमुख फसलों में आलू का चौथा स्थान है।
भारत में भी सभी राज्यों में इसकी खेती की जाती है। लेकिन खासतौर पर उत्तर प्रदेश में इसकी पैदावार होती है। यह जमीन के नीचे उगने वाली फसल है। चीन और रूस के बाद भारत में सबसे अधिक आलू उगता है। आलू के उत्पादन में भारत का विश्व में तीसरा स्थान है। कहा जाता है कि भारत में आलू उस समय आया जब वारेन हिस्टिंग्स भारत के गवर्नर जनरल थे।
आलू का इतिहास
अमेरिकी वैज्ञानिकों की माने तो आलू की खोज आज से करीब सात हजार वर्षों पहले हुई थी। वैज्ञानिकों को अनुसंधान में पता चला कि पेरू के किसान 7000 साल पहले भी आलू उगा रहे थे। इसके बाद सोलहवीं शताब्दी में आलू स्पेन पहुंचा। स्पेन ने अपने दक्षिण अमेरिकी उपनिवेशों से आलू यूरोपीय देशों में पहुंचाया। इसके बाद ब्रिटेन सहित कई देशों में भी आलू की फसल की जाने लगी। इस तरह धीरे-धीरे यह दुनियाभर में लोकप्रिय बन गया। वर्तमान में आयरलैंड तथा रूस के ज्यादातर लोग आलू पर ही निर्भर हैं। कई देशों में आलू से वड़ापाव, चाट, चिप्स, पापड़, फ्रेंचफ्राइस, समोसा, टिक्की, चोखा जैसे खाद्य पदार्थ बनाते हैं।
भारत में कब आया
लगभग पांच सौ साल पहले भारत में आलू की फसल नहीं उगायी जाती थी। इतिहासकारों की माने तो भारत में पहली बार आलू जहांगीर के समय में आया। कहा जाता है कि यूरोपीय व्यापारियों ने ही भारतीयों को आलू का स्वाद चखाया था। यूरोपीय लोगों ने ही भारत में आलू का प्रचार-प्रसार किया। प्राचीन काल में आलू की तीन ही किस्में प्रचलित थी। फुलवा, गोला तथा साठा।
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