जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ अब सेहत का भी ध्यान रखेगा। यूनिवर्सिटी में खाद्य पदार्थों की जांच के लिए एक अत्याधुनिक रूप से विकसित टेस्टिंग लेबोरेटरी का निर्माण किया (food testing laboratory in rajasthan university) जाएगा। आरयू के गृह विज्ञान विभाग की प्रो. निमाली सिंह को रूसा की ओर से फंडेड 10 प्रोजेक्ट मिला है। इसके तहत शोध के लिए 1.8 करोड़ की राशि स्वीकृत हई थी। इस प्रोजेक्ट के तहत फूड टेस्टिंग का भी प्रावधान है। सिंह ने बताया कि रूसा के तहत 50 लाख की राशि टेस्टिंग लेबोरेटरी स्थापित करने स्वीकृत हो चुकी है।
अत्याधुनिक रूप से विकसित की जाने वाली यह टेस्टिंग लेबोरेटरी स्थापित होने से प्रदेशभर सहित विशेष रूप से जयपुर शहर के नागरिकों को खाद्य पदार्थों की वास्तविकता जानने का अवसर मिल सकेगा। विभाग में सेंटर फॉर न्यूट्रिशन की स्थापना की जा चुकी है, जिसमें न्यूट्रिशन से जुड़े विभिन्न आयामों को लेकर व्यापक कार्य किया जा रहा है। केंद्र के माध्यम से वेस्ट फूड के माध्यम से वर्मी कंपोज बनाए जाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण पहल की गई है।
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को बढ़ावा मिलेगा
यूनिवर्सिटी में खाद्य पदार्थों की जांच लैब बनने से जयपुर शहर सहित प्रदेशभर को फायदा मिलेगा। शहर में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों पर लगाम लगेगी। वहीं, शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को बढ़ावा मिलेगा। लैब बनने से मिलावट के मामलों की सुगम और जल्दी जांच हो पाएगी। सेहत से खिलवाड़ करने वालों पर रोक लगेगी, और शुद्भ खाद्य पदार्थ की आपूर्ति हो सकेगी। खाद्य क्षेत्र में शोध करने वाले शोधार्थियों को विशेष मदद मिलेगी, जिससे शोध के नए आयाम तक पंहुचा जा सकेगा।
लेब बनने से पदार्थों की जांच के लिए शहर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यूनिवर्सिटी में पिछले दो दिन से चल रही संगोष्ठी ‘शुद्ध के लिए युद्ध योजना’ थीम पर आयोजित की गई। फ्यूचर ऑफ फूड विषय पर दो दिनों के कई सत्रों में खाद्य सुरक्षा, स्थिरता, विविधता और खाद्य उद्योग के भविष्य को लेकर देश और विदेश (food testing laboratory in rajasthan university) के दो दर्जन खाद्य विशेषज्ञ जुटे। संगोष्ठी में खाद्य से जुड़ी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनौतियों को लेकर विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।
ऑर्गेनिक फूड को महत्व देने पर जोर
खाद्य विशेषज्ञों ने वर्तमान परिवेश में बच्चों को एक अच्छे एवं स्वस्थ खाद्य पदार्थों के लिए परिवारों को शिक्षित करने की आवश्यकता की बात कही। खाद्य सामग्री में ऑर्गेनिक फूड को महत्व दिए जाने, बाजारों में बिकने वाली खाद्य सामग्री की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और लेवलिंग जैसे कई अन्य मुद्दों के साथ इस क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खाद से जुड़े विभिन्न विषयों पर व्यापक रूप से विचार विमर्श किया।