जयपुर। नीट-यूजी का रिजल्ट आने के बाद अब पास हुए स्टूडेंट् स काउंसलिंग शेड्यूल का इंतजार कर रहे हैं लेकिन इस बार काउंसलिंग की राह थोड़ी भ्रामक होने वाली है। इस वर्ष नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) नीट काउंसलिंग में शामिल होने से पहले मेडिकल कॉलेजों की पूरी जानकारी या ऐतिहासिक डेटा उपलब्ध नहीं कराएगा। एनएमसी के नए नियमों के मुताबिक मेडिकल कॉलेजों के के वल नवीनतम वार्षिक मूल्यांकन परिणाम और मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों की रेटिंग एनएमसी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। इन संस्थानों की पूरी रिपोर्ट वेबसाईट पर उपलब्ध नहीं होगी जिससे कॉलेज चुनने में स्टूडेंट्स को भ्रम का सामना करना पड़ सकता है।
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गौरतलब है कि पूर्व में नियामक संस्था मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया का उपयोग ऐतिहासिक डेटा के साथ पूर्ण निरीक्षण और मूल्यांकन रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए किया गया था. नव अधिसूचित नियमों में, आयोग ने कहा है कि मेडिकल कॉलेजों के मूल्यांकन परिणामों को सार्वजनिक डोमेन में इस तरह से उपलब्ध कराया जाएगा जिससे ये परिणाम सार्वजनिक समझ को सुगम बना सकें । हालांकि, पूरी रिपोर्ट एमबीबीएस प्रवेश के समय छात्रों को उचित निर्णय लेने में मदद कर सकती है।
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स्टूडेंट्स पर ऐसे पड़ेगा असर
स्टूडेंट्स को उचित मेडिकल कॉलेज मूल्यांकन रिपोर्ट के बिना समस्याओ का सामना करना प ं ड़ेगा। दरअसल, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि पहले वर्ष में स्टूडेंट्स को एडमिशन देने के बाद किसी कॉलेज को एनएमसी द्वारा बाद में नवीनीकरण मिलेगा। ऐसे में यदि एनएमसी निजी कॉलेजों के बाद के नवीकरण को मंजूरी नहीं देता है, तब एमबीबीएस पाठ्यक्रम के पहले वर्ष में भर्ती किए गए स्टूडेंट्स के सामने न्यायालय ही एकमात्र विकल्प होगा।