Women Reservation Bill: नई दिल्ली। देश की नई संसद में पहले दिन मंगलवार को 27 सालों से अटका महिला आरक्षण विधेयक यानी नारीशक्ति वंदन विधेयक पास हुआ। लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने से संबंधित इस ऐतिहासिक विधेयक का मोदी सरकार सहित कई विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन किया है। ऐसे में यह तो साफ है कि ये विधेयक लोकसभा में तो पास होगा ही होगा और राज्यसभा में भी कोई रुकावट नहीं आएगी। लेकिन, सवाल ये है कि क्या विधेयक पारित होने के साथ ही लागू हो जाएगा।
इसके साथ ही राजनीतिक क्षेत्रों में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, क्या कानून वहां लागू होगा या फिर 2024 के लोकसभा चुनाव के वक्त इसे लागू किया जाएगा, या फिर इसके लिए अभी और लंबा लंबा इंतजार करना होगा। विशेषज्ञों का दावा है कि विधेयक को जमीन पर अमली जामा पहनाने के लिए कई बाधाओं को पार करना होगा।
जमीनी हकीकत बनने में आएंगी ये बाधाएं
विशेषज्ञों का कहना है कि संसद के दोनों सदनों से विधेयक के पारित होने के बाद इसे कानून बनने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं से भी मंजूरी लेनी होगी। इसका कारण यह है कि इससे राज्यों के अधिकार प्रभावित होते हैं।
आरक्षित सीटों की पहचान कैसे?
विधेयक में कहा गया है कि संसद और राज्य विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। लेकिन, इस बात का जिक्र इसमें नहीं है कि सीटों की पहचान कैसे होगी? साल 2010 में भी जब बिल पेश किया गया था तब भी महिलाओं की सीटों के बारे में जिक्र नहीं किया गया था। मंगलवार को पेश किए गए बिल में रिजर्व्ड सीटों के रोटेशन का प्रस्ताव है। लेकिन, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षित सीटों की पहचान कैसे की जाएगी?
15 साल के लिए है प्रावधान
विशेषज्ञों के मुताबिक मौजूदा विधेयक में महिला आरक्षण को 15 साल (आमतौर पर तीन चुनाव) के लिए लागू किया गया। इसके बाद संसद चाहे तो महिला आरक्षण को आगे बढ़ा सकती है। दिलचस्प ये है कि देश में जातिगत आरक्षण का प्रावधान भी दस साल के लिए लागू हुआ था, जो अब तक जारी है।
जनगणना के बाद होगा परिसीमन
जनगणना के आंकड़े प्रकाशित होने के बाद परिसीमन होगा और उसके बाद ही संविधान संशोधन विधेयक 2023 को लागू किया जाएगा, जो लागू होने की तारीख से अगले 15 साल के लिए मान्य होगा। इसका मतलब यह है कि सबसे पहले देश की जनगणना होगी।
कानून का 2024 में लागू होना मुश्किल
सूत्रों के अनुसार जनगणना 2021 में होने वाली थी, लेकिन अभी तक नहीं हो पाई। अब यह कब तक हो पाएगी, इसके बारे में कु छ नहीं कहा जा सकता। जनगणना के बाद परिसीमन होगा यानी कि आबादी के लिहाज से लोकसभा क्षेत्र का पुनर्निधारण किया जाएगा और तब जाकर इस कानून को लागू किया जाएगा। ऐसे में यह 2024 में लोकसभा चुनाव से पूर्व लागू होने के आसार कम हैं।