Congress President Election : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का वक्त लगभग आ ही गया है। जिसे लेकर अब पार्टी अपनी पूरी तैयारी कर रही है। अध्यक्ष पद के प्रत्याशी तमाम दौरे कर समर्थन मांग रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर का एक बयान अब सियासी सरगर्मी बढ़ा रहा है।
दरअसल शशि थरूर ने कहा कि अध्यक्ष पद के चुनाव में पीसीसी यानी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डेलिगेट्स सोच-समझकर और बिना डरे वोटिंग करें। शशि थरूर ने वोटिंग प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव के बाद सभी राज्यों में डाले गए मत एक जगह इकट्ठे हो जाते हैं तो यह पता नहीं चल पाता किसने किसे वोट दिया है। न ही यह पता लग पाता है कि कि राज्य से कितने मत किसी नेता के पक्ष में आए हैं।
गाइडलाइन के खिलाफ जाकर वोट करें, डरने की जरूरत नहीं
शशि थरूर ने यहां तक कि कह दिया कि उन्हें खबर मिली है कि कई राज्यों में वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की जारी की गई गाइडलाइन के खिलाफ जाकर भी वोट की अपील की है। इस पर थरूर ने कहा लेकिन आप लोगों को (पीसीसी डेलिगेट्स) डरने की जरूरत नहीं है।हमें राहुल गांधी पर विश्वास है। शशि थरूर ने यह भी कहा कि पीसीसी डेलिगेट्स जिसे चाहते हैं उसी के पक्ष में वोटिंंग करें। उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत खड़गे के पक्ष में
शशि थरूर के इस बयान का सीधा मतलब राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को लेकर निकाला जा रहा है। दरअसल अशोक गहलोत ने कई बार खुले तौर पर अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे की जीत का दावा किया है। सात ही उन्होंने इशारे ही इशारों में खड़गे के पक्ष में होने की बात भी कही है। जाहिर है कि सीएम अशोक गहलोत जैसी गाइडलाइन राजस्थान के पीसीसी डेलिगेट्स के लिए बनाएंगे, उनमें से कुछ-एक को छोड़कर सभी वैसे ही वो वोटिंग करेंगे। इस बात का अंदाजा शायद शशि थरूर को लग गया कि राजस्थान से उनके पक्ष में वोटिंग का प्रतिशत उनके पक्ष में बेहद कम रहने वाला है। इसलिए उन्होेंने सभी पीसीसी डेलिगेट्स की आड़ में राजस्थान के पीसीसी डेलिगेट्स को नसीहत दी है।
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