Jaya Verma Sinha : नई दिल्ली। जया वर्मा सिन्हा रेलवे बोर्ड की चेयरपर्सन बनाई गई हैं। रेल मंत्रालय के 105 साल पुराने इतिहास में यह पद संभालने वाली जया वर्मा सिन्हा पहली महिला हैं। वे अनिल कुमार लाहोटी की जगह लेंगी और आज पदभार ग्रहण करेंगी। फिलहाल, वे रेलवे बोर्ड में ऑपरेशन और बिजनेस डेवलपमेंट की सदस्य हैं। केंद्र सरकार ने गुरुवार को ही जया वर्मा सिन्हा को रेलवे बोर्ड की पहली महिला सीईओ एवं अध्यक्ष नियुक्त किया। उनका कार्यकाल 31 अगस्त, 2024 तक होगा।
रेलवे बोर्ड, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के लिए निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था है। जया वर्मा ने रेलवे बोर्ड की सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास) के रूप में हाल में ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना के बाद जटिल सिग्नल प्रणाली के बारे में मीडिया को बताया था। इस हादसे में लगभग 300 लोगों की मौत हो गई थी।
एक आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने जया वर्मा सिन्हा, सदस्य (संचालन और व्यवसाय विकास), को रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। बता दे कि जया वर्मा सिन्हा एक अक्टूबर को सेवानिवृत्त होने वाली हैं, लेकिन उनका कार्यकाल समाप्त होने पर इसे दोबारा बढ़ाया जाएगा।
रेलवे बोर्ड एक वैधानिक निकाय, संसद को करता है रिपोर्ट
रेलवे बोर्ड एक वैधानिक निकाय है, जो संसद को रिपोर्ट करता है। यह भारत सरकार के रेल मंत्रालय के तहत आता है। भारतीय रेलवे बोर्ड में एक अध्यक्ष होता है, इसके अलावा बोर्ड में सात सदस्य और एक फाइनेंशियल कमिश्नर (जो रेलवे बोर्ड में वित्त मंत्रालय का प्रतिनिधि होता है) शामिल हैं।
कौन है जया वर्मा सिन्हा ?
जया वर्मा की शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हुई है। वो मूल रूप से भारतीय रेलवे यातायात सेवा 1986 बैच की भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा से जुड़ी हैं। अपने 35 साल के कार्यकाल में सिन्हा ने उत्तर रेलवे, दक्षिण-पूर्व रेलवे और पूर्वी रेलवे में काम किया।
उन्होंने चार वर्षों तक बांग्लादेश के ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में भी काम किया। बांग्लादेश में उनके कार्यकाल के दौरान ही कोलकाता से ढाका तक चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया था। रेलवे बोर्ड की पहली महिला सदस्य विजयलक्ष्मी विश्वनाथन थीं, लेकिन जया वर्मा पहली बोर्ड महिला अध्यक्ष और सीईओ बनी है।
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