जयपुर। “नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की” इस तरह के आवाज हमे भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्यौहार पर हर घर में सुनाई देने वाली है। जन्माष्टमी को लेकर इस बार लोगों में कंफ्यूजन है कि आखिर जन्माष्टमी का पर्व किस दिन मनाया जाएगा? आइए आपके इस कंफ्यूजन को दूर करते है।
किस दिन है जन्माष्टमी
इस वर्ष भाद्रपद में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 6 सितंबर बुधवार को दोपहर 3 बजकर 38 मिनट से शुरु होकर 7 सितंबर गुरुवार को शाम 4 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था और रोहिणी नक्षत्र 6 सितंबर बुधवार को सुबह 9 बजकर 20 मिनट से शुरु होकर 7 सितंबर गुरुवार को सुबह 10 बजे तक रहने वाला है।
पूजा का शुभ समय
तिथि के अनुसार पूजा का सबसे सही समय 6 सितंबर को रात 12 बजकर 13 मिनट से 1 बजे तक है। ये 46 मिनट पूजा के लिए सबसे शुभ समय है।
जन्माष्टमी का व्रत कब रखा जाएगा
ज्योतिषों की माने को जन्माष्टमी का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा। इस वर्ष जन्माष्टमी पर दुलर्भ संयोग बन रहा है। इस बार जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र रहने वाला है। मान्यता है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी रात में ही मनाई जाती है।