Lok Sabha Elections 2024 : नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी छोटे-छोटे दलों को साधने के साथ ही अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटी हुई है। वहीं, विपक्ष भी लगातार एकता की कवायत में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में आज बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में होने जा रही है। जिसमें 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के भाग लेने की संभावना है। दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र में साल 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की रणनीति पर मंथन होगा। बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी शामिल होने की संभावना है।
विपक्ष के दो दिवसीय सत्र की शुरुआत कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा आयोजित रात्रिभोज के साथ होगी। इसके बाद मंगलवार को एक और औपचारिक बैठक होगी। इससे पहले बिहार के पटना में 23 जून को हुई विपक्षी दलों की पहली बैठक में 15 दलों ने भाग लिया था। लेकिन, इस बार 26 दलों के नेताओं के बैठक में शामिल होने की उम्मीद है।
ये हो सकते हैं बैठक में शामिल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के पूर्वप्रमुख राहुल गांधी, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार, टीएमसी प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बिहार के सीएम एवं जद(यू) नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल बैठक में शामिल हो सकते हैं।
देशभर में आंदोलन के लिए बनेगी रूपरेखा
जानकारों की मानें तो बैठक में विपक्षी दल भाजपा की नीतियों के खिलाफ देशभर में एक संयुक्त आंदोलन की योजना बनाएंगे। खासकर महाराष्ट्र में राकांपा के विभाजन के बाद रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। विपक्षी नेता भाजपा से मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता को मजबूत करने के कदमों की घोषणा करेंगे और विपक्षी सरकारों को गिराने और राज्यपालों के माध्यम से गैर-भाजपा शासित राज्यों पर नियंत्रण करने के भाजपा के प्रयासों को उजागर करेंगे।
मीटिंग से पहले ये बोले विपक्षी नेता
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा, यह एक निर्णायक बैठक होगी। कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। भाकपा महासचिव डी. राजा ने कहा कि दो दिवसीय सत्र भाजपा को हराने के लिए विपक्ष के संयुक्त संकल्प को दर्शाएगा। राजा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, बेंगलुरु बैठक भाजपा को हराने और देश एवं लोकतंत्र को बचाने के लिए धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक पार्टियों को एकजुट करने की दिशा में एक और कदम होगी।
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