नई दिल्ली। खालिस्तान के मुद्दों को लेकर एक बार फिर कनाडा और भारत के बीच तल्खियां आ गई है। इस बार वजह खालिस्तानी टाइगर फोर्स यानी केटीएफ के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर है। ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक सिख सांस्कृतिक केंद्र के बाहर इसी साल 18 जून को गोली मारकर निज्जर की हत्या की गई थी। कनाडा पीएम Justin Trudeau ने भारत को निज्जर की हत्या का दोषी बताया है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब दोनों देशों के बीच खालिस्तान के मुद्दे पर टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है। लेकिन, यह तो साफ है कि कनाडा पीएम अपने पिता की राह पर चल रहे है। जिसके दोनों के बीच हालात और भी ज्यादा खराब हो सकते है।
दरअसल, हम बात उस वक्त की कर रहे हैं, जब साल 1982 में जस्टिन ट्रूडो के पिता पियरे ट्रूडो कनाडा के प्रधानमंत्री थे। उस वक्त भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने खालिस्तानी आतंकी तलविंदर परमार के प्रत्यर्पण के लिए कनाडा से अनुरोध किया था। लेकिन, तत्कालीन पीएम पियरे ट्रूडो ने बहाना बनाते हुए तलविंदर के प्रत्यर्पण से इनकार कर दिया था। बात तब की है जब जस्टिन ट्रूडो के पिता पियर टूडो कनाडा के प्रधानमंत्री हुआ करते थे।
साल 1968-1979 और 1980-1984 के बीच कनाडा के पीएम रहे पियर टूडो ने कहा था कि ब्रिटेन की रानी को भारत कॉमनवेल्थ का हेड मानता है, लेकिन सदस्य हैं। इसलिए वह किसी भी तरह का प्रत्यर्पण नहीं करेगा। इसलिए कॉमनवेल्थ प्रत्यर्पण संधि लागू नहीं कर सकते है। इसका नतीजा ये निकला कि कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी आतंकियों ने 23 जून 1985 को एयर इंडिया के विमान में बम से उड़ा दिया था, जिसमें 329 लोगों की मौत हो गई थी।
खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
आतंकी हमले का शिकार हुआ एयर इंडिया का विमान कनिष्क मॉन्ट्रियल से नई दिल्ली जा रहा था। तभी आयरिश हवाई क्षेत्र में विमान को बम से उड़ा दिया गया था और विमान अटलांटिक महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हमले के दौरान विमान में 329 लोग सवार थे, जिनकी सभी की मौत हो गई है। मरने वालों में 270 कनाडाई नागरिक थे। इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ने ली थी। उस वक्त तलविंदर परमार खालिस्तानी आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा का चीफ था। जो एयर इंडिया पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था।
अब पिता की राह पर ट्रूडो…
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को संसद में कहा था कि एक सिख कार्यकर्ता की हत्या में भारत सरकार का हाथ है। वहीं, कनाडाई सांसद जगमीत सिंह ने पीएम मोदी को चेतावनी देते हुए कहा कि मैं नरेंद्र मोदी को जवाबदेह ठहराने सहित न्याय की खोज में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। वहीं, ट्रूडो के आरोपों की जांच के बीच वहां की सरकार ने शीर्ष भारतीय राजनयिक को देश ने निष्कासित कर दिया है। भारतीय अधिकारी को कनाडा द्वारा निष्कासित किए जाने के कुछ ही घंटे बाद, भारत ने ‘जैसे को तैसा’ की कार्रवाई करते हुए एक कनाडाई राजनयिक को मंगलवार को निष्कासित करने की घोषणा की। भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कै मरून मैके को विदेश मंत्रालय ने तलब किया और वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के फैसले के बारे में सूचित किया।
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