हैदराबाद। तेलंगाना के हैदराबाद में कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की महाबैठक का आज दूसरा दिन है। कांग्रेस के दिग्गज नेता आज भी चुनावी रणनीति पर मंथन के लिए जुटेंगे। इस मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सीएम अशोक गहलोत, सीएएम भूपेश बघेल सहित 140 से अधिक नेता शामिल होंगे। साथ ही विस्तारित कार्य समिति की बैठक में कार्य समिति के सभी सदस्यों के अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और कई अन्य वरिष्ठ नेता भाग लेंगे। इसके बाद 17 सितंबर की शाम हैदराबाद के पास एक जनसभा आयोजित की जाएगी।
इससे पहले मल्लिकार्जुन खरगे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी की पुनगर्ठित कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की पहली बैठक शनिवार को हैदराबाद में हुई। जिसमें अगले साल के लोकसभा और इस वर्ष होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की रणनीति, संगठन तथा कई अन्य विषयों पर मंथन किया गया। साथ ही तीन प्रस्ताव पारित किए गए। जिनमें पहला प्रस्ताव केरल के पूर्व सीएम ओमान चांडी जी के निधन को लेकर है। दूसरा मणिपुर में जारी हिंसा के पीड़ितों के लिए और तीसरा हिमाचल प्रदेश के आपदा पीड़ितों के लिए रहा।
मणिपुर और नूंह की घटनाओं का जिक्र
मीटिंग में मणिपुर और नूंह की घटनाओं का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी घटनाएं आधुनिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष भारत की छवि पर धब्बा लगाती है। इससे देश का ‘सर्वधर्म समभाव’ बिगाड़ता है। हमें मिलकर ऐसी ताकतों की पहचान करके उन्हें बेनकाब करते रहना है।
जाति जनगणना शुरू करने की मांग
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमारी मांग है कि 2021 जनगणना की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। उसके साथ ही जातिगत जनगणना भी कराई जाए, ताकि समाज के जरूरतमंद तबके को स्वास्थ्य, शिक्षा, नौकरी और खाद्य सुरक्षा समेत दूसरे हक मिल सकें। खरगे ने आरोप लगाया कि आजादी के बाद बने देश की बहुमूल्य सार्वजनिक उपक्रमों को मोदी सरकार चंद पूंजीपति मित्रों के हवाले कर रही है। उनके फायदे के लिए नीतियां बदली जा रही हैं, उनके हक के कानून बन रहे हैं।
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