भारतीय राजनीति में अक्सर महिलाओं की हिस्सेदारी को लेकर कई चर्चाएं की जाती रही हैं, उनकी कम हिस्सेदारी के चलते संसद में उन्हें आरक्षण देने का मुद्दा भी जब-तब उठाया जाता रहा है। लेकिन इन सबसे इतर हमारे देश में कई ऐसी दमदार महिला राजनेता रहीं हैं, जो किसी पहचान की मोहताज नहीं रहीं। भले ही महिलाओं की हिस्सेदारी राजनीति में कम हो लेकिन जो भी महिलाएं इस क्षेत्र में आईं, वो अपनी सफलता और शोहरत के झंडे गाड़ कर गई हैं। आज हम आपको देश की इन्हीं शीर्ष 5 महिला राजनेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें राजनीति के सूरमा के तौर पर जाना गया है।
द्रौपदी मूर्मू ( Draupadi Murmu )
देश की सबसे दमदार महिला राजनेताओं में सबसे पहला नाम हाल ही में चर्चा में आईं द्रौपदी मुर्मू का है, जो हमारे देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाली हैं, यानि 25 जुलाई को वे देश की राष्ट्रपति बनने वाली हैं। द्रौपदी मुर्मू को भारत की प्रथम महिला नागरिक होने का दर्जा मिलेगा। ओडिशा के एक बेहद साधारण परिवार में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू का सफर एक शिक्षक से शुरू हुआ है जो देश के राष्ट्रपति के पद पर जा पहुंचा। द्रौपदी मुर्मू केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं और झारखंड की राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दी हैैं। इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू का नाम बड़े अंतर से राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाली शख्सियत में भी शामिल हो गया है।
प्रतिभा पाटिल ( Pratibha Patil )
कद्दावर महिला राजनेताओं की लिस्ट में दूसरा स्थान पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का आता है। प्रतिभा पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति थीं। प्रतिभा पाटिल अपने कॉलेज के दिनों में सबसे सुंदर मानी जाती थीं। इसलिए उन दिनों उन्हें ‘कॉलेज क्वीन’ का खिताब भी मिला था। सबसे कम उम्र में विधायक बनने वाली पहली महिला हैं। महज 27 साल की उम्र में प्रतिभा पाटिल विधायक बनीं थीं। वे पेशे से वकील थीं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि अपने राजनीतिक जीवन में वे एक भी चुनाव नहीं हारी। प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति बनने से पहले राज्यसभा की उपसभापति रह चुकी हैं। महाराष्ट्र में कांग्रेस विपक्षी दल की नेता का पद भी उन्होंने बखूबी संभाला है। इसके अलावा प्रतिभा पाटिल तमाम संसदीय समितियों की अध्यक्ष और सदस्य रह चुकी हैं। यही नहीं महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित करने के लिए प्रतिभा पाटिल को मैक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
सुषमा स्वराज ( Sushma Swaraj )
देश की पहली महिला विदेश मंत्री होने का गौरव सुषमा स्वराज के नाम है। अब वे हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी बेमिसाल शख्सियत को कभी नहीं भुलाया जा सकता। सुषमा स्वराज को एक प्रखर वक्ता और दबंग राजनेता कौ तौर पर भी जाना जाता था। सुषमा स्वराज ने अपना राजनीतिक करियर एबीवीपी से शुरु किया। वे 25 साल की उम्र में देश की सबसे कम उम्र की मंत्री बनीं थीं। इसके अलावा सुषमा स्वराज के नाम सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनने का भी गौरव भी है। विदेश मंत्री बनने के बाद तो उनकी ताकत देश ही नहीं दुनिया भी देखी। आज भारत की जो छवि विदेशों में बनी हुई है। उसकी नींव रखने का श्रेय सुषमा स्वराज को ही जाता है। सुषमा स्वराज का नाम सिर्फ एक सशक्त राजनेता के तौर पर ही नहीं बल्कि अपनी दरियादिली और सहानुभूति के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। भारत के बाहर कई देशों में उनकी जबरदस्त फैन्स हैं।
जे. जयललिता ( J. Jayalalitha )
जे. जयललिता को कौन नहीं जानता। दक्षिण भारत की राजनेता होने के बावजूद उन्होंने पूरे देश में अपनी शख्सियत का लोहा मनवाया था। एक बेहद गरीब परिवार में जन्मीं जे. जयललिता बेहद संघर्ष कर दक्षिण की प्रसिद्ध अभिनेत्री बन गई थीं। वे बला की खूबसूरत थीं, उस वक्त उनकी सुंदरता के चर्चे सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में ही नहीं बल्कि राजनीति भी होती थी। एक जमाने में साउथ के सुपरस्टार से दिग्गज राजनेता बने MGR के वे बेहद करीबी मानी जाती थीं। जयललिता ने MGR के कहने पर ही राजनीति में प्रवेश किया था। जे. जयललिता की शख्सियत दक्षिण में बैठकर समूचे भारत की राजनीति हिलाने का माद्दा रखती थी। जनता को ध्यान में रखते हुए उनकी बनाई कई योजनाओं से वे घर-घर में अम्मा के नाम से प्रसिद्ध हो गईं। ‘अम्मा रसोई’ के नाम से प्रसिद्ध उनकी इस योजना से गरीब वर्ग के लोगों ने उन्हें काफी ऊंचा दर्जा दे दिया था। वे द्रविड़ राजनीति का मुख्य चेहरा बन गई थीं, उनकी पार्टी AIADMK द्रविड़ राजनीति का एक मुख्य चेहरा बन गई थी।
स्मृति ईरानी ( Smriti Irani )
क्योंकि सास भी कभी बहु थी सीरियल से हर घर में तुलसी के नाम से मशहूर हुईं स्मृति ईरानी की गिनती आज भारतीय राजनीति की मुख्य राजनेताओं में होती है। गांधी परिवार के गढ़ अमेठी में राहुल गांधी को दो बार कड़ी टक्कर देने के बाद से राजनीति की मुख्यधारा में आईं। लोगों ने उनहें उनके नाम से पहचाना शुरू कर दिया था। आज स्मृति ईरानी देश की केंद्रीय मंत्री हैं। उनकी कद्दावर शख्शियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि राजनीति और भाजपा में उनका दबदबा वैसा ही है जैसे एक वक्त पर सुषमा स्वराज का हुआ करता था।