श्रवण भाटी। जयपुर। किसानों की सुविधा के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) वेबसाइट किसानों की परेशानी का सबब बन रही है। ई-नाम वेबसाइट पर न तो समय पर सूचना मिलती है और न सही भाव मिल पा रहे हैं। वेबसाइट पर दर्शाई गई गलत सूचना से भावों में जमीन आसमान का फर्क आ रहा है। गलत सूचना से किसान मंडियों के भावों को लेकर भ्रमित हो रहे हैं।
वेबसाइट पर प्रदेश के कई जिलों और शहरों की मंडियों की सूचना तक उपलब्ध नहीं है। दरअसल केंद्र सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा देश के किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ऑनलाइन मार्केटप्लेस उपलब्ध करवाया गया है, जहां पर किसान अपनी फसलों को ऑनलाइन अच्छे दामों में बेच सकते हैं। वहीं, वेबसाइट से देश की किसी मंडी का भाव देखा जा सकता है।
भावों की सूचना में गफलत
वेबसाइट पर मंडी के भावो की सूचना में गफलत से किसान परेशान हो रहे हैं। किसान वेबसाइट के आधार पर भावों की जानकारी लेने पर मंडी में भाव और वेबसाइट पर दर्शाए गए भावों में अंतर बता रहा है। प्रदेश में बाजरा के औसत भाव 1900 से 2300 रुपये क्विटल हैं, लेकिन वेबसाइट पर दौसा मंडी में बाजरा का भाव न्यूनतम 3965 से अधिकतम 4415 रुपए बता रहा है, जो गफलत भरी जानकारी है।
भाव एक दिन पुराने
वेबसाइट पर हर रोज शाम 10 बजे देशभर की मंडियों के भाव अपडेट होते हैं, लेकिन प्रदेश की मंडियों के भाव एक दिन पुराने मिलते हैं। वेबसाइट पर पिछले कई दिनों से एक दिन पुराने भाव ही अपडेट किए जा रहें हैं। पुराने भाव अपडेट होने से किसान अपनी फसल अधिकतम मूल्य पर सही समय में नहीं बेच पा रहे हैं।
यह है वेबसाइट का उद्देश्य
ई-नाम एक इलेक्ट्रॉनिक कृषि पोर्टल है, जो पुरे भारत में मौजूद कृषि उत्पाद विपणन समिति को एक नेटवर्क में जोड़ने का काम करती है। इसका मुख्य उद्देश्य सभी कृषि उत्पादों को एक एकीकृत बाजार उपलब्ध करवाना है। कृषि उत्पादों के संबंध में खरीदी और बेची जाने वाली वस्तु की जानकारी, व्यापार में दिए गए ऑफर और आने वाली वस्तुओं की जानकारी और उनकी कीमत के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
वेबसाइट में किसान, व्यापारी और खरीदार के मध्य सामंजस्य बिठाती है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14 अप्रैल 2016 को लॉन्च किया गया था। यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं। अभी तक पूरे देश के 22 राज्यों व 3 केंद्र शासित प्रदेशों की 1260 मंडियों को ई-नाम प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ा गया हैं। देशभर में कु ल 1.75 करोड़ से अधिक किसान और 2.41 लाख व्यापारी ई-नाम पोर्टल पर पंजीकृत है।
इनके नहीं हैं रिकॉर्ड
राष्ट्रीय कृषि बाजार वेबसाइट पर कई जिलों की मंडियों का भाव ब्यौरा भी नहीं दिए गए हैं। पोर्टल खोने पर रिकॉर्ड नॉट फाउंड दर्शाता हैं वही पर कई जिलों पर भाव शून्य ही दर्शाया हैं। डीडवाना, बांसवाड़ा,भरतपुर, भीलवाड़ा, धौलपुर, जोधपुर, कोटा, पाली जिलों की मंडियों पर फसलों के भाव शून्य ही दर्शा रहें हैं। वहीं बालोतरा गंगापुर सिटी में रिकॉर्ड नॉट फाउंड दर्शा रहा है।