Global Biofuel Alliance: भारत ने शनिवार को ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस (वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन) शुरू करने की घोषणा कर दी है। इस दौरान वैश्विक स्तर पर पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने की अपील की गई। इसी के साथ जी20 देशों से इस पहल में शामिल होने का भी आग्रह किया।
इस अलायंस से होंगा फायदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र को संबोधित करते हुए फ्यूल ब्लेंडिंग को लेकर बात की। पीएम मोदी ने कहा कि मामले में सभी देशों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
इस दौरान पीएम मोदी ने भारत की ओर से प्रस्ताव दिया कि वैश्विक स्तर पर पेट्रोल में 20 फीसदी तक इथेनॉल मिलाने की पहल की जाए। इसके विकल्प के तौर पर अन्य ब्लेंडिंग मिक्स भी खोजे जा सकते हैं।
यह व्यापक वैश्विक कल्याण के लिए स्टेबल एनर्जी सप्लाई सुनिश्चित करने के साथ-साथ जलवायु की सुरक्षा में यह मददगार साबित होगा।
बायोफ्यूल एलायंस क्या है?
ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस का लक्ष्य जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ाना है। इससे जैव ईंधन बाजार को मजबूती मिलेगी। इससे बायोफ्यूल कारोबार में आसानी होगी। तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने पर जोर दिया जायेगा।
जैव ईंधन क्या है?
जैव ईंधन प्राकृतिक ईंधन को संदर्भित करता है, जो पौधों, अनाज, शैवाल और खाद्य अपशिष्ट से प्राप्त होता है। इसमें कार्बन कम होता है। यदि इसका उपयोग बढ़ेगा तो पेट्रोल और डीजल जैसे पारंपरिक ईंधन पर दुनिया की निर्भरता कम होगी और पर्यावरण प्रदूषण भी कम होगा।
रुडोल्फ पहली बार किया था जैव ईंधन का प्रयोग
बात 1890 की है। जर्मन मैकेनिकल इंजीनियर रुडोल्फ डीजल ने डीजल इंजन बनाया। बाद में उनके नाम पर ईंधन का नाम डीजल रखा गया। उन्होंने खेती के लिए इंजन चालू करने के लिए तेल का उपयोग किया।
इथेनॉल बनाने में अमेरिका शीर्ष पर है
दुनिया में सबसे ज्यादा इथेनॉल का उत्पादन अमेरिका और ब्राजील में होता है। जबकि यूरोप बायोडीजल बनाने में अग्रणी है। उसके बाद दूसरे स्थान पर अमेरिका और तीसरे स्थान पर इंडोनेशिया है।