नई दिल्ली। केंद्रीय एजेंसी ED-CBI की विपक्षियों पर कार्यवाही के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई। याचिका को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि यह याचिका सुनवाई के योग्य ही नहीं है। 14 विपक्षी दलों के तरफ से मौजूद वरिष्ठ कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपने जो आंकड़े हमें दिए हैं क्या इनकी वजह से हम यह कह सकते हैं कि कोई जांच मुकदमा होना ही नहीं चाहिए।
इस पर सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अगर हम साल 2013-14 से लेकर साल 2021- 22 तक के सीबीआई-ईडी के मामले देखे तो इनमें 600% तक की बढ़ोतरी हुई है। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 121 राजनीतिक नेताओं की ईडी ने जांच की है। जिसमें 95% से ज्यादा विपक्षी दल से हैं। वहीं सीबीआई ने 124 नेताओं के खिलाफ जांच की है जिनमें 95% विपक्षी हैं। जिससे साबित होता है कि सीबीआई और ईडी सिर्फ और सिर्फ विपक्षी नेताओं पर ही जांच कर रही है। यह कैसा लोकतंत्र है।
कानून के अधीन हैं नेता भी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेता मूल रूप से देश का नागरिक ही होता है और सभी नागरिक कानून के अधीन होते हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सिर्फ संदेह के आधार पर ED-CBI किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकती और ऐसा यह एजेंसियां करती भी नहीं है। अपराध की गंभीरता नजरअंदाज नहीं की जा सकती।
तथ्य पेश करें….
कोर्ट ने कहा कि आपने जो कोर्ट ने मामले पेश किए हैं उनमें तथ्यों के बगैर निर्देश देना संभव नहीं है। अगर आपके पास कोई व्यक्तिगत मामला है तो उसे कोर्ट में लेकर आएं। क्योंकि बगैर तथ्यों के उस पर फैसला देना या फिर निर्देश देना सही नहीं है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले की पैरवी करते हुए कहा कि हमारे पक्षकार नहीं चाहते हैं कि उनकी इस याचिका से देश का कोई भी लंबित मामला प्रभावित हो इसलिए वे यहां मौजूद नहीं है। बता दें कि 14 विपक्षी दलों से की तरफ से दायर की गई इस याचिका में केंद्रीय जांच एजेंसियों पर भविष्य के लिए सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिशा निर्देश जारी करने की मांग उठाई गई थी।
ED-CBI की कार्रवाई के खिलाफ है समूचा विपक्ष
गौरतलब है कि कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष ईडी सीबीआई या इनकम टैक्स समेत सभी केंद्रीय एजेंसियों को दबाव में बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह एजेंसियां विपक्षी नेताओं पर जानबूझकर कार्रवाई कर रही हैं जो कि राजनीति से प्रेरित है इसलिए इन एजेंसियों पर सुप्रीम कोर्ट दिशा निर्देश जारी करें।
कोर्ट पर 14 विपक्षी दलों द्वारा केंद्रीय जांच एजेंसियों के मनमाने उपयोग का आरोप लगाते हुए दायर याचिका पर विचार करने से इंकार के फैसले पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाा साधते हुए कहा कि उनका पर्दाफाश हो गया है। कांग्रेस भ्रष्टाचारियों का नेतृत्व कर रही है। जांच एजेंसियों को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है।