G-20 Summit 2023 Delhi: इंडिया और भारत के विवाद के बीच जी 20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री के सामने लगी नेम प्लेट ने सभी का ध्यान अपनी और आकर्षित किया है। जी 20 सम्मेलन में पीएम मोदी के सामने ‘भारत’ लिखी नेमप्लेट रखी गई।
इससे देशभर में इंडिया का नाम बदलकर भारत किए जाने की अटकलों को एक संकेत देती नजर आ रही है। इससे पहले जी 20 के सम्मेलन में राष्ट्रपति के द्वारा दिए गए भोज के निमंत्रण में अंग्रेज़ी भाषा में India की जगह Bharat लिखने को लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो चुका है।
‘Bharat, The Mother Of Democracy’
जानकारी के अनुसार विदेशी प्रतिनिधियों के लिए जी20 पुस्तिका में भी INDIA की जगह ‘भारत’ नाम का उपयोग किया गया है, इस पुस्तिका का शीर्षक है – ‘Bharat, The Mother Of Democracy’ है। पुस्तिका में कहा गया है, “भारत देश का आधिकारिक नाम है… इसका उल्लेख संविधान और 1946-48 की चर्चाओं में भी है…”
उम्मीद और विश्वास का नाम- भारत
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री की फोटो शेयर करते हुए लिखा- उम्मीद और विश्वास का नाम- भारत।
कैसे शुरु हुआ विवाद
इंडिया का नाम भारत करने की चर्चाओं के बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश के ट्वीट की हर तरफ बात चल रही है इस संदर्भ में जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा था कि राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को होने वाले जी-20 डिनर के लिए जो न्योता भेजा है, उसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है।
प्रेसिडेंट ऑफ भारत, सही या गलत?
सरकार ने G20 के निमंत्रण पत्र में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत शब्द का इस्तेमाल किया है, संवैधानिक तौर अगर बात करें तो संविधान के अनुच्छेद 1 के तहत इसे गलत नहीं ठहराया जा सकता है। संविधान कहता है, इंडिया की जगह भारत शब्द इस्तेमाल किया जा सकता है।
मोहन भागवत ने दिया था बयान
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागत ने अपने एक बयान अपील करते हुए कहा था कि देशवासियों को इंडिया की जगह भारत शब्द इस्तेमाल करना चाहिए। इस पीछे भागवत ने तर्क दिया कि इस देश का नाम सदियों से भारत रहा है इस लिए हमें देश को भारत कहना चाहिए इंडिया नहीं।